लखनऊ: अंतर्जनपदीय तबादले के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इस मामले में कुछ शिक्षिकाओं ने याचिका दाखिल कर इस संबंध में जारी अधिसूचना को चुनौती दी है. याचिका पर जवाब देने के लिए न्यायालय ने तीन सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी.
यह आदेश न्यायाधीश इरशाद अली की एकल सदस्यीय पीठ ने नीतू शुक्ला व अन्य की याचिका पर दिया. याचियों ने इस संबंध में जारी 2 दिसम्बर 2019 व 31 दिसम्बर 2020 की अधिसूचना के प्रावधानों को भी चुनौती दी है. याचियों का कहना था कि वे सभी सहायक अध्यापिका हैं व उनके पति राज्य सरकार के ही दूसरे विभागों में तैनात हैं. इसी आधार पर उन्होंने अंतर्जनपदीय तबादले की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया.
याचियों का यह भी कहना है कि 15 दिसम्बर 2020 के एक अधिसूचना के मुताबिक यूपी बेसिक एजुकेशन टीचर्स पोस्टिंग रूल्स के रूल 8 (1) (बी) व रूल 8 (2) (डी) का सख्ती से पालन होना चाहिए, जबकि शिक्षकों के एक कैटगरी को अंतर्जनपदीय तबादले का लाभ देने के लिए उक्त रूल्स का पालन नहीं किया जा रहा है. याचियों ने इसे समानता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए याचिका दाखिल की है. इस पर कोर्ट ने सरकर को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया.