लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आम्रपाली ग्रुप ऑफ कम्पनीज के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा व सांविधिक ऑडिटर अनिल मित्तल की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपना घर होना मध्यम वर्गीय परिवार का सपना होता है. इस मामले में न सिर्फ उनके सपनों को तोड़ा गया बल्कि उन्हें उनके पैसों से खाली करके छोड़ दिया गया.
यह आदेश न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अनिल कुमार शर्मा व अनिल मित्तल की अलग-अलग याचिकाओं को खारिज करते हुए पारित किया. आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ 23 जुलाई 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जांच चल रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर रखा है. कंपनी पर नोएडा व ग्रेटर नोएडा में फ्लैट व घर खरीदारों का पैसा हड़पने का आरोप है.
कोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर अलग-अलग आदेश पारित करते हुए कहा कि 23 जुलाई 2019 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बारीकी से उजागर किया था कि किस प्रकार कंपनी ने लोगों के साथ धोखा किया है. साथ ही इस मामले की विवेचना अभी चल रही है और पैसे का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि यह एक क्लासिक केस है कि कैसे एक रियल इस्टेट कंपनी वित्तीय संस्थाओं और सरकारी अधिकारियों से साठगांठ करके फ्लैट खरीदारों के हजारों करोड़ रुपये को हड़प सकती है.