लखनऊः बेनामी संपत्ति के आरोप के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी की सास मीरा पांडेय की याचिका पर गुरूवार को भी हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई. न्यायालय ने गुरूवार को आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया व याची को आयकर विभाग की नोटिस का जवाब देने को कहा है. दरअसल याची को शुक्रवार तक नोटिस का जवाब देना है. इसीलिए उसकी ओर से इस पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई थी. हालांकि न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह याचिका पर शुक्रवार को भी सुनवाई करेगी और याची द्वारा नोटिस का जवाब देने भर से याचिका को निष्प्रयोज्य नहीं माना जाएगा.
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने मीरा पांडेय की याचिका पर पारित किया. याचिका में 5 जनवरी 2023 को जारी नोटिस व प्रोविजनल अटैचमेंट के आदेश को चुनौती दी गई है. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर व अभिनव एन त्रिवेदी ने याचिका में तर्क दिया है कि उक्त नोटिस व आदेश अविधिक हैं व क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर जारी किए गए हैं. गुरूवार को सुनवाई के दौरान याची की ओर से अनुरोध किया गया कि नोटिस में जवाब देने का समय शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा. लिहाजा उसे फिलहाल कोई अंतरिम राहत दी जाए. हालांकि न्यायालय ने इससे इंकार कर दिया.
उल्लेखनीय है कि मामला जियामऊ, विक्रमादित्य वार्ड के सृजन विहार कॉलोनी की एक संपत्ति का है. 3680 वर्ग फुट की उक्त सम्पत्ति 23 अप्रैल 2016 को मीरा पांडेय के नाम से 82 लाख रुपये में खरीदी गई. आयकर विभाग का आरोप है कि मीरा पांडेय ने की 2015-16 में कुल आय 7.30 लाख थी और यही नहीं उक्त संपत्ति पर ढाई मंजिल के मकान के निर्माण में भी एक करोड़ पांच लाख रुपये खर्चने का आरोप है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि "मेरा इनकम टैक्स केस संबंधित मामला अदालत में विचाराधीन है. इसको जो लोग प्रचारित कर रहे हैं वह उचित नहीं है."