लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल करते हुए नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह ने खुद की हिरासत को अवैध बताया है. इसके साथ ही अदालत से रिहाई की मांग की, लेकिन लखनऊ बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी है.
न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति केएस पवार की खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में यादव सिंह को 60 दिन से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रखने को कानूनी तौर पर गलत बताया है.
मामला गाजियाबाद से जुड़ा होने के कारण लखनऊ बेंच का क्षेत्राधिकार न होने के आधार पर न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया. न्यायालय ने याची को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता प्रदान की है.