लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आईएएस किंजल सिंह को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा व ट्रेनिंग के पद से हटाए जाने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इसी के साथ न्यायालय ने किंजल सिंह को भी नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर पारित किया. याची की ओर से किंजल सिंह के विरुद्ध अधिकार पृच्छा (जिज्ञासा) रिट जारी किए जाने की मांग करते हुए दलील दी गई है कि वह एक आईएएस अधिकारी हैं और उनका महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के पद पर नियुक्ति नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट, रूल्स व रेग्युलेशन्स के विपरीत है. यह भी कहा गया कि उक्त नियुक्ति यूपी मेडिकल एजुकेशन सर्विसेज रूल्स के भी अनुरूप नहीं है. कहा गया कि किंजल सिंह ने मेडिकल की कोई शिक्षा नहीं ली है, लिहाजा वह इस पद पर नियुक्ति पाने की योग्य नहीं हैं.
याची की ओर से हाईकोर्ट के 14 मई 2004 के एक अंतरिम आदेश का भी हवाला दिया गया है. जिसमें याची के अनुसार हाईकोर्ट ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के पद पर आईएएस की नियुक्ति करने पर रोक लगा रखी है. दलील दी गई कि हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद एक आईएएस अधिकारी को उक्त पद पर नियुक्त किया जाना पूर्णतया विधि विरुद्ध है. कहा गया कि उक्त पद पर एक आईएएस की नियुक्ति के विरुद्ध इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखा है. जिसमें नियुक्ति को अविधिक कहा गया है, यही नहीं आईएमए ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि नियुक्ति वापस नहीं ली गई, तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे.