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दिन-ब-दिन बढ़ रहे हार्ट अटैक के केस, पल भर में निकल रही जान, जानिए क्या है बचाव - increasing day by day

जब भी कार्डियक अरेस्ट आता है तो आने से पहले सीने पर भारीपन महसूस होता है. उसी समय वहीं पर बैठ जाना है. तुरंत सीपीआर देना होता है, लेकिन लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि यह भारीपन उनकी जान ले सकता है. आइए जानते हैं केजीएमयू लारी के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट अक्षय प्रधान से कार्डियक अरेस्ट से बचाव और समाधान.

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Published : Dec 8, 2022, 8:44 AM IST

लखनऊ : लखनऊ से मलिहाबाद क्षेत्र में बीते 4 दिसंबर को जयमाल के दौरान दुल्हन को हार्ट अटैक आया और वह जमीन पर गिर गई. आनन-फानन परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसी तरह मेरठ 4 दिसंबर को तीन दोस्त रात में टहलने के लिए घर से निकले. एक 22 वर्षीय लड़के को छींक आई और लड़का धड़ाम से नीचे गिर पड़ा. गिरते ही उसकी मौत हो गई. उसे भी दोस्त आनन-फानन डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी. ऐसे केस आएदिन सुनने को मिल रहे हैं. दरअसल हार्ट अटैक के केसों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसा क्यों है और बचाव क्या हैं, आइए समझते हैं.

सोशल मीडिया (social media) पर 25 नवंबर का वाराणसी के एक शादी का वीडियो वायरल (wedding video viral) है. वीडियो में एक तंदुरुस्त आदमी जो दिखने में पूरी तरह से फिट नजर आ रहा है वह अपने भतीजे की शादी में सभी के साथ डांस कर रहा होता है अचानक से उसे हार्ट अटैक आता है और वह जमीन पर गिर पड़ता है. पल भर में उसकी मौत हो जाती है. वहीं, 4 दिसंबर को बरेली के एक स्कूल में सुबह प्रार्थना के दौरान शिक्षक गोविंद को अचानक कार्डियक अरेस्ट आया और जमीन पर गिरते ही उनकी मौत हो गई. शिक्षक की उम्र करीब 23 साल थी. गाजियाबाद में 35 साल की एक जिम ट्रेनर की एक्सरसाइज करने के दौरान मौत हो गई. एक्सरसाइज करते समय अचानक से हार्ट अटैक आया महिला जमीन पर गिर गई और मौके पर ही उसकी मौत हुई. ऐसे कई केस है जिन्हें देखकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला.

केजीएमयू लारी के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अक्षय प्रधान (Akshay Pradhan, Senior Cardiologist, KGMU Lari) ने बताया कि साफ शब्दों में अगर हम समझें तो जब हृदय में रक्त का बहाव नहीं होता है. अचानक से क्लॉटिंग हो जाती हैं. उस दौरान हार्ट अटैक आता है. ठंड के मौसम में हार्ट अटैक के केस बन जाते हैं. इस समय हम देख रहे हैं कि ज्यादातर युवा लोग इसके शिकार हो रहे हैं, क्योंकि हमारा जो रहन-सहन काफी बदल चुका है. व्यक्ति के शरीर में कौन सा सेल्स या कौन सा ऑर्गन कब काम करना बंद कर दें इसके बारे में किसी को मालूम नहीं होता है. इसके लिए एतिहाद बरतना और जागरूक होना काफी ज्यादा जरूरी है. कोरोना वायरस इन्फ्लेमेटरी डिजीज है, जिसकी वजह से पूरे शरीर की धमनियों में इन्फ्लेमेशन होता है. तो लंग्स में भी इन्फ्लेमेशन होता है जो कि हमें सांस फूलने के बारे में चलता है और खांसी आने से तो हम टेस्ट कराते हैं. अगर कोरोना होता तो हमें पता चलता है कि कोरोना का इंफेक्शन हो गया. जो लोग कोविड वैक्सीन लगवा रहे हैं उनके भी ब्लड प्लॉट हो रहे हैं. वहीं जो लोग नहीं लगवा रहे हैं, जिन्होंने वैक्सीन लगवाई ही नहीं है उनका भी ब्लड क्लोट हो रहा है और उन्हें हार्ट अटैक आ रहा है. कोविड वैक्सीन का हार्ट अटैक से कोई लेना देना नहीं है.



डॉ. प्रधान (Dr. Pradhan) ने बताया कि लंग्स पर जो वायरस असर करता है मुख्य तौर पर वह धीरे-धीरे हार्ट, किडनी और ब्रेन पर असर करता है. काफी सारे लोगों को उस दौरान हार्टअटैक भी देखे गए. इसके अलावा अब लोगों में इस रिएक्शन देखने को मिल रहा है. दिल की धमनियों में भी इन्फ्लेमेशन (inflammation in arteries) हो जाता है, खासतर से वह लोग जिनको पहले कोरोना हो चुका है. और वह ठीक हो गए हैं उन्हें अधिक सचेत रहने की जरूरत है. खास तौर से यह लोग वह हैं जो लोग स्मोकिंग करते हैं एक्सरसाइज नहीं करते हैं, अपनी डाइट में जंक फूड का सेवन अधिक करते हैं तो इन लोगों में हार्डवेयर का खतरा बढ़ सकता है. अगर हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. तो हार्ट की पंपिंग पावर जो कि 60 से 70 प्रतिशत होती है वह किसी भी वायरल इंफेक्शन में कम हो जाती है. धीरे-धीरे करके उसमें सुधार भी आ जाता है, लेकिन वहीं दूसरा जो धमनी वाली दिक्कत होती है उसने फिर बीमारी एक बार आती है तो वह धीरे-धीरे करके आगे बढ़ती है और अगर आप अपने शरीर में रिक्स फैक्टर जुड़ते जाएंगे तो यह बढ़ता ही जाएगा.

डॉ अक्षय प्रधान के अनुसार (According to Dr Akshay Pradhan) कोरोना के बाद हेल्दी लाइफ़स्टाइल रखें, अपने खान-पान अच्छा रखें, योग करें, व्यायाम करें, रोजाना रनिंग करें. दूसरे रिक्स फैक्टर यानी कि डायबिटीज से बचें, मीठा कम खाएं. किसी के साथ स्मोकिंग और तंबाकू किसी भी रुप से नहीं करेंगे तो एक व्यक्ति अपनी धमनियों और दिल को स्वस्थ रख सकता है. कोरोना काल में हार्टअटैक के केस काफी बढ़ गए थे हालांकि अभी भी हार्टअटैक के काफी केस आते हैं. कोविड वैक्सीन की वजह से इंफेक्शन कम हुए हैं या फिर इंफेक्शन हुए भी हैं तो उग्रता काफी कम थी. अभी भी तीसरी और चौथी लहर लोगों में जो लोगों को कोरोना हो रहा है तो लोगों को यह समझना है कि अगर आज तक स्मोकिंग या रिक्स फैक्टर से पीड़ित है तो इनको कंट्रोल करें. एक बार अगर आपको कोरोना हो गया है तो जहां तक हो सकें स्मोकिंग, तबाकू से अपने आप को दूर रखें. बीच-बीच में अपना कुछ मेडिकल जांच भी कराते रहे.

जरूर याद रखें यह बातें : डॉ अक्षय प्रधान (Dr. Akshay Pradhan) ने बताया कि अगर व्यक्ति इस तरह से अचानक जमीन पर गिरता है तो समझ ले कि उसे कार्डियक अरेस्ट आया है तुरंत उसे सीपीआर देना शुरू करें. सीपीआर देने का भी तरीका होता है. सही तरीके से सीपीआर दें (give cpr the right way). अधिक दबाव ना देते हुए. कंधों का इस्तेमाल करते हुए व्यक्ति के सीने पर धीरे-धीरे दबाएं. घर पर हर समय दवाएं उपलब्ध नहीं होती हैं. सीपीआर देना शुरू करें और तुरंत एंबुलेंस को बुलाएं. वहीं मुंह से भी ऑक्सीजन दिया जा सकता है. इससे कुछ समय के लिए व्यक्ति को आराम मिलेगा और रक्त का प्रवाह धमनियों में पहुंचेगा. जिससे व्यक्ति अस्पताल जाने तक के लिए ठीक रहेगा.

यह भी पढ़ें : साल भर में दो बार होंगे शिक्षकों के अंत:जनपदीय तबादले, जानिए क्या होगी आवेदन प्रक्रिया

लखनऊ : लखनऊ से मलिहाबाद क्षेत्र में बीते 4 दिसंबर को जयमाल के दौरान दुल्हन को हार्ट अटैक आया और वह जमीन पर गिर गई. आनन-फानन परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसी तरह मेरठ 4 दिसंबर को तीन दोस्त रात में टहलने के लिए घर से निकले. एक 22 वर्षीय लड़के को छींक आई और लड़का धड़ाम से नीचे गिर पड़ा. गिरते ही उसकी मौत हो गई. उसे भी दोस्त आनन-फानन डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी. ऐसे केस आएदिन सुनने को मिल रहे हैं. दरअसल हार्ट अटैक के केसों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसा क्यों है और बचाव क्या हैं, आइए समझते हैं.

सोशल मीडिया (social media) पर 25 नवंबर का वाराणसी के एक शादी का वीडियो वायरल (wedding video viral) है. वीडियो में एक तंदुरुस्त आदमी जो दिखने में पूरी तरह से फिट नजर आ रहा है वह अपने भतीजे की शादी में सभी के साथ डांस कर रहा होता है अचानक से उसे हार्ट अटैक आता है और वह जमीन पर गिर पड़ता है. पल भर में उसकी मौत हो जाती है. वहीं, 4 दिसंबर को बरेली के एक स्कूल में सुबह प्रार्थना के दौरान शिक्षक गोविंद को अचानक कार्डियक अरेस्ट आया और जमीन पर गिरते ही उनकी मौत हो गई. शिक्षक की उम्र करीब 23 साल थी. गाजियाबाद में 35 साल की एक जिम ट्रेनर की एक्सरसाइज करने के दौरान मौत हो गई. एक्सरसाइज करते समय अचानक से हार्ट अटैक आया महिला जमीन पर गिर गई और मौके पर ही उसकी मौत हुई. ऐसे कई केस है जिन्हें देखकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला.

केजीएमयू लारी के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अक्षय प्रधान (Akshay Pradhan, Senior Cardiologist, KGMU Lari) ने बताया कि साफ शब्दों में अगर हम समझें तो जब हृदय में रक्त का बहाव नहीं होता है. अचानक से क्लॉटिंग हो जाती हैं. उस दौरान हार्ट अटैक आता है. ठंड के मौसम में हार्ट अटैक के केस बन जाते हैं. इस समय हम देख रहे हैं कि ज्यादातर युवा लोग इसके शिकार हो रहे हैं, क्योंकि हमारा जो रहन-सहन काफी बदल चुका है. व्यक्ति के शरीर में कौन सा सेल्स या कौन सा ऑर्गन कब काम करना बंद कर दें इसके बारे में किसी को मालूम नहीं होता है. इसके लिए एतिहाद बरतना और जागरूक होना काफी ज्यादा जरूरी है. कोरोना वायरस इन्फ्लेमेटरी डिजीज है, जिसकी वजह से पूरे शरीर की धमनियों में इन्फ्लेमेशन होता है. तो लंग्स में भी इन्फ्लेमेशन होता है जो कि हमें सांस फूलने के बारे में चलता है और खांसी आने से तो हम टेस्ट कराते हैं. अगर कोरोना होता तो हमें पता चलता है कि कोरोना का इंफेक्शन हो गया. जो लोग कोविड वैक्सीन लगवा रहे हैं उनके भी ब्लड प्लॉट हो रहे हैं. वहीं जो लोग नहीं लगवा रहे हैं, जिन्होंने वैक्सीन लगवाई ही नहीं है उनका भी ब्लड क्लोट हो रहा है और उन्हें हार्ट अटैक आ रहा है. कोविड वैक्सीन का हार्ट अटैक से कोई लेना देना नहीं है.



डॉ. प्रधान (Dr. Pradhan) ने बताया कि लंग्स पर जो वायरस असर करता है मुख्य तौर पर वह धीरे-धीरे हार्ट, किडनी और ब्रेन पर असर करता है. काफी सारे लोगों को उस दौरान हार्टअटैक भी देखे गए. इसके अलावा अब लोगों में इस रिएक्शन देखने को मिल रहा है. दिल की धमनियों में भी इन्फ्लेमेशन (inflammation in arteries) हो जाता है, खासतर से वह लोग जिनको पहले कोरोना हो चुका है. और वह ठीक हो गए हैं उन्हें अधिक सचेत रहने की जरूरत है. खास तौर से यह लोग वह हैं जो लोग स्मोकिंग करते हैं एक्सरसाइज नहीं करते हैं, अपनी डाइट में जंक फूड का सेवन अधिक करते हैं तो इन लोगों में हार्डवेयर का खतरा बढ़ सकता है. अगर हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. तो हार्ट की पंपिंग पावर जो कि 60 से 70 प्रतिशत होती है वह किसी भी वायरल इंफेक्शन में कम हो जाती है. धीरे-धीरे करके उसमें सुधार भी आ जाता है, लेकिन वहीं दूसरा जो धमनी वाली दिक्कत होती है उसने फिर बीमारी एक बार आती है तो वह धीरे-धीरे करके आगे बढ़ती है और अगर आप अपने शरीर में रिक्स फैक्टर जुड़ते जाएंगे तो यह बढ़ता ही जाएगा.

डॉ अक्षय प्रधान के अनुसार (According to Dr Akshay Pradhan) कोरोना के बाद हेल्दी लाइफ़स्टाइल रखें, अपने खान-पान अच्छा रखें, योग करें, व्यायाम करें, रोजाना रनिंग करें. दूसरे रिक्स फैक्टर यानी कि डायबिटीज से बचें, मीठा कम खाएं. किसी के साथ स्मोकिंग और तंबाकू किसी भी रुप से नहीं करेंगे तो एक व्यक्ति अपनी धमनियों और दिल को स्वस्थ रख सकता है. कोरोना काल में हार्टअटैक के केस काफी बढ़ गए थे हालांकि अभी भी हार्टअटैक के काफी केस आते हैं. कोविड वैक्सीन की वजह से इंफेक्शन कम हुए हैं या फिर इंफेक्शन हुए भी हैं तो उग्रता काफी कम थी. अभी भी तीसरी और चौथी लहर लोगों में जो लोगों को कोरोना हो रहा है तो लोगों को यह समझना है कि अगर आज तक स्मोकिंग या रिक्स फैक्टर से पीड़ित है तो इनको कंट्रोल करें. एक बार अगर आपको कोरोना हो गया है तो जहां तक हो सकें स्मोकिंग, तबाकू से अपने आप को दूर रखें. बीच-बीच में अपना कुछ मेडिकल जांच भी कराते रहे.

जरूर याद रखें यह बातें : डॉ अक्षय प्रधान (Dr. Akshay Pradhan) ने बताया कि अगर व्यक्ति इस तरह से अचानक जमीन पर गिरता है तो समझ ले कि उसे कार्डियक अरेस्ट आया है तुरंत उसे सीपीआर देना शुरू करें. सीपीआर देने का भी तरीका होता है. सही तरीके से सीपीआर दें (give cpr the right way). अधिक दबाव ना देते हुए. कंधों का इस्तेमाल करते हुए व्यक्ति के सीने पर धीरे-धीरे दबाएं. घर पर हर समय दवाएं उपलब्ध नहीं होती हैं. सीपीआर देना शुरू करें और तुरंत एंबुलेंस को बुलाएं. वहीं मुंह से भी ऑक्सीजन दिया जा सकता है. इससे कुछ समय के लिए व्यक्ति को आराम मिलेगा और रक्त का प्रवाह धमनियों में पहुंचेगा. जिससे व्यक्ति अस्पताल जाने तक के लिए ठीक रहेगा.

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