लखनऊ: प्रदेश में बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य कर्मियों के किए गए स्थानांतरण और वेतन विसंगति को लेकर विरोध में सोमवार को कर्मचारियों ने स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव किया. स्वास्थ्य भवन पहुंचे सैंकड़ों कर्मचारियों ने जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन में लगभग हजारों की संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे. कर्मचारियों का कहना है कि मनमाने तरीके से तबादला किया गया है. जिलों में महिला कर्मियों को तैनाती दी गई, लेकिन दिव्यांगों, नवदंपति, दो वर्ष से कम सेवानिवृत्त और गंभीर बीमारी से ग्रसित पदाधिकारियों पर कोई विचार नहीं किया गया. पुरुषों को तीन विकल्प के आधार पर निकट जनपदों में तैनाती देने का प्रस्ताव भी निदेशक प्रशासन ने नहीं माना. इसी प्रदर्शन के दौरान एनएचएम कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य भवन के सामने बैठ गए.
यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने बताया कि संशोधित सूची जारी होने से यह साबित हो चुका है कि निदेशक प्रशासन ने अनियमित रूप से स्थानांतरण किए हैं. स्वास्थ्य संगठन दोबारा तीनों स्थानांतरण सूची निरस्त किए जाने एवं निदेशक प्रशाशन को निलंबित कर जांच की मांग करता है. सोमवार को मिनिस्ट्रियल संवर्ग एवं अन्य सहयोगी संगठन साथियों के साथ लगभग 3 हजार से अधिक कर्मचारियोंने स्वास्थ्य भवन का घेराव किया. अफसरों के खिलाफ नारेबाजी की. अफसरों पर कर्मचारियों के मसले को लटकाने का गंभीर आरोप लगाया.
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यूपी के स्वाथ्यकर्मी स्वास्थ्य भवन पर धरने पर बैठ गए हैं. यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन अनवरत जारी है. प्रदर्शन कर रहे कर्मियों का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर स्थानांतरण किया गया है. तबादला नीति का पालन का उल्लंघन करते हुए महिला स्वास्थ्य कर्मियों का 500 किलोमीटर दूर तबादला किया गया. कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रशासन पर मनमाने तरीके से तबादला करने का आरोप लगा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ रजि०) संगठन ने बीते 15 जुलाई को अपर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पत्र के माध्यम से अपनी 5 मांगों से अवगत कराया था. कर्मचारियों ने उसमें बताया था कि हमारी ये मांगे वर्ष 2017 से ही लंबित है, जिसके पूरा न होने के सापेक्ष में चेतावनी दी गई थी कि यदि समय रहते हमारी मांगों को पूरा न किया गया तो सोमवार यानी 26 जुलाई को बाध्य होकर मिशन निदेशक कार्यालय का घेराव करेंगे. फिर, भी शासन स्तर से इसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया, जिससे बाध्य होकर निदेशालय का घेराव किया गया. इ
कर्मचारियों की मांगें
- स्थानतरण नीति-प्रारम्भ कर तत्काल संविदा के लिए भी खोला जाए.
- समायोजन तथा पेट परीक्षा से मुक्ति (PET)
- वेतन विसंगति पूरी की जाए.
- आउटसोर्सिंग में कार्यरत साथियों को DHS से समायोजित किया जाए.
- 25% कोविड महामारी में प्रोत्साहन राशि.