लखनऊ: राजधानी स्थित केजीएमयू में एक कोरोना संक्रमित मरीज एंबुलेंस में तड़पती रही, लेकिन मरीज की भर्ती के लिए केजीएमयू प्रशासन लगातार आनाकानी करता रहा. जिसके बाद हालत बिगड़ने पर मरीज की मौत हो गई. मामले को चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने संज्ञान में लिया और अब इस पूरे मामले पर केजीएमयू की लापरवाही को ध्यान में रखते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं.
संक्रमित बुजुर्ग महिला की मौत
केजीएमयू में कोरोना संक्रमितों को बेहतर इलाज मिल रहा है, लेकिन इस बीच एक संक्रमित बुजुर्ग महिला की इलाज न मिलने की वजह से मौत हो गई. दरअसल बरेली की 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला को बुखार और सांस लेने में तकलीफ हुई. निजी लैब की जांच के बाद महिला में संक्रमण की पुष्टि हुई. ऐसे में ऑक्सीजन सपोर्ट पर बुजुर्ग को बरेली से केजीएमयू लाया गया. आरोप है कि केजीएमयू में पौने घंटे तक महिला वॉर्ड के बाहर एंबुलेंस में ही तड़पती रही, लेकिन केजीएमयू प्रशासन ने महिला की भर्ती नहीं किया. काफी जद्दोजहद करने के बाद परिजन बुजुर्ग को वॉर्ड में भर्ती करा पाए, लेकिन बहुत देर होने के चलते हालत बिगड़ने पर बुजुर्ग की मौत हो गई.
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
संक्रमित बुजुर्ग महिला के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर शिकायत की. परिजनों ने मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री से शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की. ओएसडी अनिल वाजपेई ने बताया कि कोरोना वायरस के इलाज में लापरवाही की शिकायत मिली है. संस्थान की मामले में जांच कर प्रशासन से 3 दिन में रिपोर्ट तलब की गई है, इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
चिकित्सा मंत्री ने दिए जांच के आदेश
हालांकि मामले का संज्ञान चिकित्सा शिक्षा मंत्री के तरफ से ले लिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस पूरे मामले पर जब हमने केजीएमयू की लापरवाही पर केजीएमयू प्रशासन से ही बातचीत करने का प्रयास किया तो केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि परिजनों के आरोपों की जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.