लखनऊ: योगी सरकार ने अपना चौथा बजट पेश किया. पांच लाख 12 हजार 860 करोड़ रुपये के इस बजट से यूपी का विकास होगा. यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है. स्वास्थ्य विभाग के लिए सरकार ने कुल 3556 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है. बजट को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि यह चिकित्सीय सेवाओं की ओर एक बेहतरीन कदम है.
आवंटित धनराशि का एक बड़ा हिस्सा चिकित्सा संस्थानों को गया है. जिसमें केजीएमयू को 919 करोड़ और वहीं लोहिया संस्थान को 477 करोड़ की राशि आवंटित की गई है. इसके साथ एसजीपीजीआई को 820 करोड़ रुपए तो वहीं सिविल अस्पताल को 13 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है. इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के नए निर्माण के लिए 81 करोड़ तो वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवन निर्माण के लिए 35 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.
इस बजट में कैंसर संस्थान लखनऊ के लिए 187 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. वहीं असाध्य रोगों के इलाज के लिए निशुल्क चिकित्सा सुविधा के तहत 40 करोड़ की व्यवस्था की गई है. इन सबके साथ-साथ प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के लिए 291 करोड़ रुपए भी प्रस्तावित किए गए हैं. अब देखना यह होगा कि यह धनराशि कितने भागों में संस्थानों को मिलती है और इसका सदुपयोग किस हद तक किया जा सकता है.
इस बारे में प्रांतीय चिकित्सा संवर्ग के वरिष्ठ डॉक्टर आशुतोष कुमार दुबे का कहना है कि चिकित्सीय सेवाओं के लिए सरकार द्वारा जारी किया गया बजट काफी सुखद और सकारात्मक पहल वाला है. इससे न केवल स्वास्थ्य केंद्रों का भविष्य सुधरेगा बल्कि आने वाले मरीजों को भी बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं.
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