लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में सबसे ज्यादा संक्रमण फैलने की आशंका है. ऐसे में गंभीर बच्चों के इलाज के लिए पीआईसीयू-एनआईसीयू बनाने का काम शुरू हो गया है. लखनऊ की चार सीएचसी पर ये सुविधा विकसित की जा रही है.
विशेषज्ञों ने तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जाहिर की है. ऐसे में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में बच्चों के इलाज की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) और पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) बनाने का काम शुरू हो गया है. ताकि कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी पुरी कर सके.
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सीएमओ डॉ. संजय भटनागर के मुताबिक राजधानी की चार सीएचसी पर पीआईसीयू-एनआईसीयू होगा. इसके लिए मोहनलालगंज, गोसाईगंज, चिनहट और मलिहाबाद सीएचसी का चयन किया गया है. इनमें पांच बेड एनआईसीयू और पांच पीआईसीयू के होंगे. यहां तैनात डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. वहीं सीएमओ ने बताया कि बच्चों का इलाज बड़ों से अलग होता है. इसलिए बाल रोग विशेषज्ञ और पैरामेडिकल स्टॉफ का केजीएमयू या पीजीआई से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा.
इन जगहों पर भी होंगे बच्चों के इलाज
- 1- लोहिया संस्थान में 60 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार किया गया है. वहीं सात डॉक्टरों को प्रशिक्षण भी दिया गया है.
- 2- केजीएमयू के मानसिक स्वास्थ्य विभाग में भी 156 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार किया गया.
- 3- बलरामपुर अस्पताल में बच्चों के लिए 40 बेड का वार्ड तैयार किया जा चुका है. इसमें वेंटिलेटर की भी सुविधा है.
- 4- सिविल अस्पताल में 10 बेड का पीआईसीयू तैयार है. वहीं सात बाल रोग विशेषज्ञों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं.
- 5- लोकबंधु अस्पताल में 12 बेड का पीआईसीयू ओर 15 बेड का ऑक्सीजन वाले तैयार हैं. छ: प्रशिक्षित डॉक्टर भी तैनात किए गए हैं.