लखनऊ: कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं अलर्ट (Health Services Alert in UP) कर दी गई हैं. खासकर, विदेश से आने वाले यात्रियों का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर (RTPCR test mandatory for passengers) दिया गया है. वहीं, अब हर रोज दो लाख टेस्ट करने की रणनीति बनाई गई है, ताकि व्यक्ति में संक्रमण को समयगत पहचाना जा सके. साथ ही आईसीयू में वेंटीलेटर समेत अन्य उपकरणों को क्रियाशील रखने का आदेश डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह (DG Health Dr Ved Vrat Singh) ने दिया.
यात्रियों के लिए नई गाइड लाइन जल्द
डॉ. वेद व्रत सिंह ने कहा कि अभी तात्कालिक तौर पर यूरोप समेत 10 देशों से आने वाले यात्रियों का आरटीपीसीआर अनिवार्य किया गया है. यह बोट स्वाना, दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग, ब्राजील, बांग्लादेश, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, बेल्जियम हैं. यहां से आने वाले यात्री टेस्ट में निगेटिव होने पर भी 10 दिन होम आइसोलेशन में रहेंगे. इनकी कोविड कंट्रोल रूम से निगरानी होगी. लक्षण होने पर दोबारा जांच की जाएगी. वहीं, पॉजिटिव मिलने पर जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट भी किया जाएगा. इंटरनेशनल ट्रैवलर की शीघ्र ही विस्तृत गाइड लाइन बनेगी.
मरीजों के लिए 80 हजार से ज्यादा बेड
दक्षिण अफ्रीका में मिला वायरस का नया स्ट्रेन तेजी से फैलता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग कोई ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों में वेंटीलेटर, बाई-पैप मशीन, हाई फ्लो नेजल कैनुला लगाए गए हैं. इन सभी उपकरणों को क्रियाशील रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं.
सीएचसी तक बच्चों के इलाज की सुविधा
हर जनपद की चार सीएचसी पर बच्चों के इलाज की व्यवस्था तीसरी लहर को लेकर की गई थी. इन पर 10-10 बेड व्यवस्था की गई है. इनमें दो बेड पर बाईपैप भी है. इसके अलावा जिला अस्पताल में 40 बेड पर भर्ती की व्यवस्था है. इसमें 20 बेड पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) व 20 शेष बेड ऑक्सीजन वाले हैं. वहीं, मंडल चिकित्सालयों में 80 बेड बच्चों के लिए हैं. इसमें 40 बेड का पीआईसीयू व 40 बेड के वार्ड में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले हैं. मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का पीआईसीयू है. पीआईसीयू में वेंटीलेटर-बाई पैप मशीन लगाई गई हैं. यह बेड वायरस के बढ़ने पर रिजर्व कर दिए जाएंगे.
518 ऑक्सीजन प्लांट, 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है. अस्पतालों में 549 ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं. इसमें से 518 शुरू हो गए. साथ ही 30 हजार ऑक्सीजन कन्संट्रेटर मंगवाए गए हैं. यह मशीन हवा से ऑक्सीजन बनाएगी. प्रत्येक सीएचसी को 20-20 कंसट्रेटर दिए गए हैं.
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