लखनऊ : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सफल आयोजन के बाद कांग्रेस ने 26 जनवरी से पूरे देश में 2 महीने के लिए 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' की शुरुआत की गई थी. यह अभियान 27 मार्च तक चलेगा, लेकिन अब धीरे-धीरे कांग्रेस का यह अभियान कागजों और बयानों तक सिमटता जा रहा है. इस अभियान को शुरू हुए करीब एक महीना होने को आ रहा है, लेकिन धरातल पर यह कहीं नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस आला कमान ने अभियान शुरू होने पर दावा किया था कि इस अभियान के दौरान जिलों में संगोष्ठियां कराने के साथ पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पार्टी की नीतियों, सिद्धांतों और कार्यों से आम जनता को रूबरू कराएंगे.
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के तीन हजार किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा का असर उत्तर प्रदेश में भले ही कम नजर आया हो, लेकिन यह यात्रा देश में सुर्खियों में जरूर बनी रही. यह यात्रा जनता में चर्चा का विषय भी बनी रही. यात्रा की सफलता को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनमानस को कांग्रेस पार्टी से जोड़ने के लिए एक नया प्रयोग किया. पार्टी अध्यक्ष ने भारत जोड़ो यात्रा की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाए जाने का निर्णय लिया. इस अभियान की शुरूआत के लिए संविधान दिवस (गणतंत्र दिवस) की तारीख तय की. अध्यक्ष ने अभियान की घोषणा करने के दौरान यह निर्देश दिया कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान कार्यक्रम के दौरान जनपदों में संगोष्ठियों का आयोजन करने के साथ ही साथ पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर पार्टी की नीतियों का आम जनता को समझाने के साथ हाथ जोड़कर समर्थन देने की मांग करेंगे.
देश की सबसे बड़ी पार्टी माने जाने वाली कांग्रेस पार्टी वर्तमान समय में हाशिये पर है. पार्टी अपने खोए जनाधार को वापस लाने के लिए काफी कोशिशों में लगी हुई है, वहीं कांग्रेस के नेता ही पार्टी की ओर से दी गई जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कांग्रेस की आपसी गुटबाजी और पुराने कांग्रेसियों की अपेक्षा से पार्टी जो लक्ष्य प्राप्त करना चाहती है, वह प्राप्त होता नहीं दिख रहा है. कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के बाबत जब प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि 'प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रांतीय अध्यक्ष व दूसरे नेता अपने अपने स्तर से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान गांव-गांव, ब्लॉक ब्लॉक स्तर पर आयोजित कर रहे हैं.'
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