लखनऊ : नारी शिक्षा निकेतन महाविद्यालय की शिक्षिकाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न का मामला अब बढ़ता जा रहा है. कॉलेज के प्रबंध तंत्र के अड़ियल रवैया के खिलाफ लखनऊ सहित चारों जिलों के शिक्षकों ने काला फीता बांध कर प्रदर्शन तीन दिवसीय प्रदर्शन शुरू किया. डिग्री कॉलेजों के शिक्षक संघ लुआक्टा के आह्वान पर सभी शिक्षक अपने-अपने डिग्री कॉलेजों में काला फीता बांधकर कार्य कर रहे हैं. नारी शिक्षा निकेतन महाविद्यालय की शिक्षिकाओं के उत्पीड़न के मामले में सुनवाई न होने से आहत लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने 14 फरवरी से आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. बीते रविवार को संगठन के पदाधिकारियों की हुई सामूहिक बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया था. संघ ने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो सभी शिक्षक राजभवन का घेराव करेंगे.
लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय और महामंत्री डॉ. अंशु केडिया ने बताया कि नारी शिक्षा निकेतन महाविद्यालय की शिक्षिकाओं के हो रहे लगातार उत्पीड़न एवं विगत दो माह दिसंबर 2022 एवं जनवरी 2023 के वेतन का भुगतान नहीं किए जाने, शिक्षिकाओं के प्रोन्नति की पत्रावली वेतन निर्धारण हेतु उच्च शिक्षा निदेशालय प्रयागराज नहीं भेजने आदि विभिन्न समस्याओं का प्रबंध तंत्र द्वारा बार-बार आग्रह के बावजूद समाधान नहीं किया जा रहा है. इसको लेकर 10 फरवरी को लुआक्टा के आह्वान पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर धरना दिया गया था. इसके बावजूद सुनवाई न होने पर अब आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है.
आंदोलन के पहले चरण में 14, 15 और 16 फरवरी को लखनऊ विश्वविद्यालय से सहयुक्त सभी महाविद्यालयों के शिक्षक साथी काला फीता बांधकर कार्य कर रहे हैं. इसके बाद भी यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 17 फरवरी को नारी शिक्षा निकेतन महाविद्यालय के गेट पर धरना दिया जाएगा. इसके बाद 20 फरवरी को लखनऊ विश्वविद्यालय के सरस्वती वाटिका पर सभी शिक्षक साथी धरना देंगे एवं राजभवन के लिए मार्च करेंगे. यदि प्रशासन द्वारा मार्च को रोका जाएगा तो इसके विरोध मे गिरफ्तारी दिए जाने का निर्णय लिया गया. यदि इन आंदोलनों के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रस्तावित परीक्षाओं का बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया गया है. लुआक्टा अध्यक्ष ने कहा कि आंदोलन के कारण यदि किसी भी प्रकार के शैक्षणिक या परीक्षाओं में व्यवधान उत्पन्न होता है तो उसका समस्त उत्तरदायित्व महाविद्यालय प्रशासन का होगा. दो माह से वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. संघ तत्काल एकल संचालन कर वेतन निर्गत करने की मांग करता है.
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