लखनऊ: ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी यहियागंज में सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का शहीदी पर्व 18 और 19 दिसंबर को बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार से मनाया जाता है. गुरुद्वारा यहियागंज में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब साल 1670 में आए थे और यहां 3 दिन रुके भी थे.
कीर्तन सुन निहाल हुए भक्त
शुक्रवार को पहले दिन शाम को कार्यक्रम की शुरुआत रहिरास साहिब के पाठ से हुई. उसके बाद कानपुर से आए भाई भूपेंद्र सिंह गुरदासपुरी ने शबद कीर्तन कर संगतों को निहाल कर दिया. लुधियाना से आए ज्ञानी त्रिलोक सिंह ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के जीवन पर प्रकाश डाला. रात 10 बजे दीवान की समाप्ति पर गुरू का लंगर वितरित किया गया.
कल पुनः प्रातः 4 बजे सजेगा दीवान
आज शनिवार को सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक और सायं 7:30 बजे से रात 11 बजे तक दीवान सजेगा. गुरुद्वारा के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि गुरु साहिब की शहीदी के वक्त सुबह 11 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के ऊपर के फूलों की वर्षा की जाएगी. इस अवसर पर लखनऊ के सभी गुरुद्वारा साहिब एवं धार्मिक सोसाइटी शामिल होंगे.
कोविड-19 के चलते किये गये बदलाव
मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते आयोजन में इस बारी प्रमुख बदलाव किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस समय महामारी का दौर चल रहा है. ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि संक्रमण को फैलने से रोकने में अपना सहयोग दें. इस दौरान कोविड नियमों का पूरी तरह से पालन करना सुनिश्चित किया गया है.
गुरुद्वारा साहिब में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा. साथ ही निगरानी के लिए सेवादार तैनात रहेंगे. गुरुद्वारा साहिब मेंमेंव सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है. सभी को कोविड-19 के निर्देशों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई. लोगों से अपील की जा रही है कि वह भी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए नियमों का पालन करें.