लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को राजभवन की कार्य व्यवस्थाओं को डिजिटल करने के लिए आठ साफ्टवेयर प्रणालियों का लोकार्पण किया. इन प्रणालियों में जिन व्यवस्थाओं को शामिल किया गया है, उनमें राज्यपाल कार्यालय के लिए कार्मिक प्रबन्धन प्रणाली-मानव सम्पदा, राजभवन कर्मिकों को राज्य सरकार की ई-पेंशन प्रणाली से जोड़ा जाना, राजभवन सचिवालय के चतुर्थ श्रेणी के कर्मिकों के लिए जीपीएफ प्रबन्धन प्रणाली, राजभवन गेट पास एवं परिचय-पत्र प्रबन्धन प्रणाली, आनलाइन राजभवन लाइब्रेरी पोर्टल, राजभवन कर्मिकों के लिए बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली शामिल की गई है. राज्यपाल ने यहां शिव प्रतिमा निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया.
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि साफ्टवेयर प्रणाली के माध्यम से अब राजभवन के कार्य में पारदर्शिता आयेगी. कार्य समयबद्धता के साथ पूर्ण होंगे. उन्होंने राजभवन लाइब्रेरी के पोर्टल को प्रदेश के डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय, लखनऊ की लाइब्रेरी से कनेक्ट कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के विवरण अंकन के समय स्पेलिंग की जांच अवश्य की जाए और शत्-प्रतिशत सही अंकन कराया जाए.
राज्य सरकार के जन शिकायत निवारण पोर्टल पर राजभवन में प्राप्त शिकायतों के व्यवहरण की व्यवस्था तथा राजभवन में प्राप्त होने वाले उपहारों का डिजिटलाइजेशन शामिल हैं. लोकार्पण के दौरान राज्यपाल ने इन साफ्टवेयर प्रणालियों के संचालन का अवलोकन भी किया. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन परिसर में भगवान शिव की भव्य प्रतिमा स्थापित कराने के लिए भूमि पूजन भी किया. यह प्रतिमा ग्रेनाइट के 10 फुट लम्बे और 7 फुट चौड़े चबूतरे पर लगायी जायेगी. चबूतरे के ऊपर 4 फुट ऊंची होगी, जिसके पृष्ठ में 7 फुट ऊंचे पहाड़ के निर्माण सहित अन्य मनोरम निर्माण किए जाएंगे.