लखनऊ : हिंद कुष्ठ निवारण संघ नाम की संस्था जिसके उत्तर प्रदेश में सभापति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल खुद नामित रहीं हैं. अब इस संस्था से जुड़ी नहीं रहेंगी. राष्ट्रीय स्तर पर सभापति के तौर पर भारत के राष्ट्रपति का नाम पहले ही हटाया जा चुका है. हिंद कुष्ठ निवारण संघ की राज भवन में हुई बैठक यह तय किया गया कि अब राज्यपाल भी उत्तर प्रदेश में इसकी नामित सभापति नहीं रहेंगी. इस बैठक में तथ्य उजागर हुआ कि जनवरी 1999 के बाद कुष्ठ रोगियों के लिए संस्था की ओर से 1रुपये भी नहीं खर्च किया गया है. प्रमुख सचिव राज्यपाल ने सभी पदाधिकारियों को सक्रिय रहने का निर्देश दिया है.
राज्यपाल आंनदीबेन पटेल की प्रमुख सचिव कल्पना अपस्थी की अध्यक्षता में मंगलवार को राजभवन में हिन्द कुष्ठ निवारण संघ, राज्य शाखा की बैठक हुई. बैठक में प्रमुख सचिव ने बताया कि स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश के माध्यम से हिन्द कुष्ठ निवारण संघ के राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष पद से भारत के राष्ट्रपति एवं सभापति के पद से स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री के नाम अलग हो चुके हैं. प्रमुख सचिव द्वारा संघ के सदस्यों से बैठक में विचार-विमर्श हुआ और राज्यपाल का नाम हिन्द कुष्ठ निवारण संघ, राज्य शाखा, उ0प्र0 से तत्काल प्रभाव से अलग किए जाने का निर्णय किया गया.
बैठक में सर्वसम्पत्ति से प्रदेश स्तर पर संघ के फंड को सीएम राहत कोष में कुष्ठ रोगियों के सहायतार्थ देने का निर्णय भी लिया गया है. उल्लेखनीय है कि हिन्द कुष्ठ निवारण संघ उत्तर प्रदेश शाखा, लखनऊ के स्तर से कैशबुक के अनुसार 27 जनवरी 1999 से अब तक कोई व्यय नहीं किया गया. बैठक में हुई चर्चाओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला कुष्ठ अधिकारी कार्यालय द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश के किसी भी जनपद में हिन्द कुष्ठ निवारण संघ का कोई कार्यालय उपलब्ध नही है. वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन द्वारा अपने गैरसंचारी तथा संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रमों के तहत कुष्ठ रोगियों के उपचार तथा चिकित्सा के लिए कार्य किया जा रहा है. 75 जनपदों में विश्व स्वास्थय संगठन, 35 जनपदों में नो लेप्रोसी रिमेन्स और टीएलएम नैनी प्रयागराज, टीएलएम अयोध्या, टीएलएम बाराबंकी तथा जलासा आगरा द्वारा कुष्ठ नियंत्रण कार्यों में सहयोग किया जा रहा है.
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