लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को राजभवन में महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ करने के लिए गुजरात मॉडल अपनाये जाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल की तर्ज पर प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों को विकसित किया जाए. आंगनवाड़ी केंद्र सुविधाजनक होने चाहिए. बच्चों की सुविधा अनुसार शौचालय, पेयजल का नल, प्लेट रखने का स्टैंड तथा डस्टबिन रखने का स्थान बच्चों की ऊंचाई के अनुरूप ही होना चाहिए.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को मिले पौष्टिक पोषाहार
राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पौष्टिक पोषाहार उपलब्ध कराया जाए. पौष्टिक आहार देने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच निश्चित रूप से होनी चाहिए कि इसमें भरपूर पोषक तत्व मौजूद हैं. बच्चों को प्रेरित करने के लिए दीवारों पर उनकी अवस्था के अनुसार सदवाक्य लिखे जाएं, आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों को बाहर से आकर्षक रंगों से रंगा होना चाहिए. अंदर की दीवारों पर नीचे की तरफ से तीन फीट तक काला रंग करना चाहिए, ताकि बच्चे कुछ लिख या चित्र बना सकें. महामहिम ने कहा कि तीन फीट से ऊपर दीवार पर अलग-अलग प्रकार की पेंटिंग करानी चाहिए.
आंगनबाड़ी केंद्रों की दीवारों पर बनाए जाएं चित्र
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि चित्रों के माध्यम से बच्चे आसानी से और जल्दी सीखते हैं. इस दृष्टि से आंगनबाड़ी केंद्रों की आंतरिक व बाहरी दीवारों पर मानव शरीर का चित्र बनाया जाए. बाह्य व आंतरिक अंगों का विवरण भी लिखा जाए. बच्चों को पर्यावरण की जानकारी देने के लिए दीवारों पर पेंटिंग बनाई जाए. इसी प्रकार पक्षियों और साग भाजी आदि के नाम भी लिखे जाएं. प्राथमिक शिक्षा को प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए. प्राथमिक शिक्षा सुदृढ़ होने पर ही माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का प्रवेश उत्सव मनाया जाए
राज्यपाल ने कहा कि हिंदी अंग्रेजी वर्णमाला के साथ गिनती के अंकों को भी दर्शाया जाए. बच्चों की जानकारी के लिए उनके परिवार से संबंधित परिवार वृक्ष भी दीवार पर बनाया जाए. उसमें उनके पिता माता के साथ ही दादा-दादी, नाना-नानी को दर्शाया जाए. उन्होंने कहा कि एक निश्चित तिथि पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का प्रवेश उत्सव मनाया जाए. इस प्रवेश उत्सव के अवसर पर गांव के सभी लोग, जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी शामिल हों. गर्भवती महिलाओं का भी ध्यान रखा जाए और पौष्टिक आहार के साथ-साथ उन्हें अच्छी कहानियां सुनाई जाएं. राज्यपाल ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना साल भर का कार्यक्रम तैयार कर उसी के अनुरूप संचालित करना चाहिए.