लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को विश्वविद्यालयों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान, मथुरा के कुलपतियों को दिशा निर्देश दिए.
बैठक के दौरान आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने महिला अध्ययन केंद्र के माध्यम से महिला सशक्तीकरण के लिए चला रहे कृषि एवं पशुपालन के कार्यक्रमों के साथ ग्रामीण विकास के अन्य कार्यक्रमों को भी संचालित करें. ग्रामीण महिलाओं, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और नव निर्वाचित महिला ग्राम प्रधानों को जोड़कर उन्हें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं कार्यक्रमों की भी जानकारी दें.
महिला ग्राम प्रधानों को दिया जाए प्रशिक्षण
राज्यपाल ने कहा कि महिला ग्राम प्रधानों को विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर प्रशिक्षण देने से उनके अंदर आत्मविश्वास जगेगा और योजनाओं की जानकारी होने से वे अपनी ग्राम पंचायत में उनके लाभ जरूरत मंदो को दे सकेंगी. कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने परिसर के आस-पास के गांवों को गोद लेकर उसमें आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा सम्पन्न बनाए ताकि इनके माध्यम से कुपोषित और क्षय रोग ग्रसित बच्चों को रोग मुक्त किया जा सकें. इस कार्य सभ्रान्त नागरिकों को भी जोड़ा जा सकता है.
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स्वच्छता और सैनिटाइजेशन पर सेमिनार करें विश्वविद्यालय
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन आदि की जानकारी भी नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को सेमिनार आयोजित कर दें ताकि उनके अंदर आत्म विश्वास जागे और वे विभिन्न कार्यक्रमों को अपनी ग्राम सभा में जरूरतमंदों को लाभ देकर विकास कार्यों को गति प्रदान कर सकें। राज्यपाल ने कहा कि इन महिलाओं को प्रेरित एवं प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय की छात्राओं को तैयार किया जाए, ताकि वे समाज में फैली विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से बचने के लिए महिलाओं को जाग्रत कर सके.
पारदर्शिता के साथ की जाएं नियुक्तियां
कुलाधिपति ने कहा कि पूर्ण पारदर्शिता एवं शुचिता के साथ नियुक्ति की जाएं तथा नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदंडों का पालन किया जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत विद्यार्थियों की डिग्री यथाशीघ्र उनके पते पर प्रेषित करें, उचित होगा की डिजीटल लाॅकर की व्यवस्था की जाए. राज्यपाल ने महालेखाकार द्वारा निर्धारित ऑडिट आपत्तियों को भी समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी दिशा में वित्तीय अनियमितता नहीं होनी चाहिए. विश्वविद्यालय द्वारा जो भी अग्रिम दिए गए हैं उनकी नियमानुसार समय से वसूली हो और खातों की संख्या भी न्यूनतम रखी जाए तथा कार्मिकों के वेतन से पेंशन के लिए की जा रही अंशदान में कटौती को नियमानुसार खातों में जमा कराना सुनिश्चत करें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जो भी निर्माण कार्य चल रहे हैं उनकी भी कमेटी बनाकर समय-समय पर मानीटरिंग करते रहें.