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कर वसूली में फिसड्डी लखनऊ सहित कई जोन के एडिशनल कमिश्नर पर कार्रवाई की तैयारी

वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर वसूली में पिछड़ने पर शासन ने गंभीर रुख अख्तियार किया है. कर वसूली में फिसड्डी लखनऊ जोन के एडिशनल कमिश्नर सहित कई अन्य जगहों के एडिशनल कमिश्नर व ज्वाइंट कमिश्नर को जिम्मेदार बताते हुए चेतावनी दी गई है

कार्रवाई की तैयारी
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Published : Dec 17, 2020, 8:02 PM IST

लखनऊ: वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर वसूली में पिछड़ने पर शासन ने गंभीर रुख अख्तियार किया है. कर वसूली में फिसड्डी लखनऊ जोन के एडिशनल कमिश्नर सहित कई अन्य जगहों के एडिशनल कमिश्नर व ज्वाइंट कमिश्नर को जिम्मेदार बताते हुए चेतावनी दी गई है. वाणिज्य कर कमिश्नर अमृता सोनी की तरफ से अफसरों को कामकाज में सुधार और राजस्व वसूली में तेजी लाने की चेतावनी दी गई है.

एडिशनल कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर भी होंगे जिम्मेदार

वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर व ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई है. राजस्व वसूली सहित अन्य प्रवर्तन कामकाज में भी फिसड्डी होने पर छोटे अधिकारियों के साथ-साथ बड़े अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम दिया गया है.

कर वसूली में मिले फिसड्डी तो कार्रवाई तय

राजस्व वसूली से लेकर व्यापारियों के रिटर्न भरने समेत अन्य कार्यों में शिथिलता और लापरवाही पाए जाने पर उस जोन के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर शासन के स्तर पर कठोर चेतावनी दी गई है. शासन के एक अधिकारी ने बताया कि अब नई व्यवस्था के अंतर्गत जोन के एडिशनल कमिश्नर व ज्वाइंट कमिश्नर भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे. अभी तक राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए विभाग के उपायुक्त, सहायक आयुक्त, वाणिज्य कर अधिकारी व प्रवर्तन दल के अधिकारी, संग्रह अमीन व उनके समकक्ष वाले अधिकारियों को ही जिम्मेदार माना जाता रहा है.


अधिकारियों की शिथिलता पर होगी कार्रवाई

इसके अलावा समीक्षा बैठकों में भी वसूली कम होने का कारण बड़े अधिकारियों की उदासीनता की बात सामने आई है. ऐसे में एडिशनल कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शासन ने तैयारी कर ली है. अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला समीक्षा बैठक में किया गया है.


शासन स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में लखनऊ, झांसी, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, कानपुर, मुरादाबाद, बरेली और सहारनपुर जोन के एडिशनल व ज्वाइंट कमिश्नर को जिम्मेदार माना गया है. इसके मद्देनजर अब बड़े अधिकारियों से भी जवाब-तलब करने की व्यवस्था बनाई गई है. अगर यही स्थिति आने वाली समीक्षा बैठक में भी मिली तो इन लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया गया है.

लखनऊ: वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर वसूली में पिछड़ने पर शासन ने गंभीर रुख अख्तियार किया है. कर वसूली में फिसड्डी लखनऊ जोन के एडिशनल कमिश्नर सहित कई अन्य जगहों के एडिशनल कमिश्नर व ज्वाइंट कमिश्नर को जिम्मेदार बताते हुए चेतावनी दी गई है. वाणिज्य कर कमिश्नर अमृता सोनी की तरफ से अफसरों को कामकाज में सुधार और राजस्व वसूली में तेजी लाने की चेतावनी दी गई है.

एडिशनल कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर भी होंगे जिम्मेदार

वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर व ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई है. राजस्व वसूली सहित अन्य प्रवर्तन कामकाज में भी फिसड्डी होने पर छोटे अधिकारियों के साथ-साथ बड़े अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम दिया गया है.

कर वसूली में मिले फिसड्डी तो कार्रवाई तय

राजस्व वसूली से लेकर व्यापारियों के रिटर्न भरने समेत अन्य कार्यों में शिथिलता और लापरवाही पाए जाने पर उस जोन के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर शासन के स्तर पर कठोर चेतावनी दी गई है. शासन के एक अधिकारी ने बताया कि अब नई व्यवस्था के अंतर्गत जोन के एडिशनल कमिश्नर व ज्वाइंट कमिश्नर भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे. अभी तक राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए विभाग के उपायुक्त, सहायक आयुक्त, वाणिज्य कर अधिकारी व प्रवर्तन दल के अधिकारी, संग्रह अमीन व उनके समकक्ष वाले अधिकारियों को ही जिम्मेदार माना जाता रहा है.


अधिकारियों की शिथिलता पर होगी कार्रवाई

इसके अलावा समीक्षा बैठकों में भी वसूली कम होने का कारण बड़े अधिकारियों की उदासीनता की बात सामने आई है. ऐसे में एडिशनल कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शासन ने तैयारी कर ली है. अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला समीक्षा बैठक में किया गया है.


शासन स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में लखनऊ, झांसी, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, कानपुर, मुरादाबाद, बरेली और सहारनपुर जोन के एडिशनल व ज्वाइंट कमिश्नर को जिम्मेदार माना गया है. इसके मद्देनजर अब बड़े अधिकारियों से भी जवाब-तलब करने की व्यवस्था बनाई गई है. अगर यही स्थिति आने वाली समीक्षा बैठक में भी मिली तो इन लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया गया है.

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