लखनऊ: शहरी क्षेत्रों के अंतर्गत रहने वाले गरीब मजदूरों और अन्य सभी तरह के गरीब वर्ग के लोगों के लिए अच्छी खबर है. केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की पहल पर उत्तर प्रदेश के नगर निकायों के अंतर्गत रहने वाले मजदूरों और कामगारों को किराए पर मकान देने के लिए बड़ी योजना तैयार की गई है. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि नगरी निकाय में रहने वाले गरीबों को किराए के मकान दिए जाएंगे. इसके लिए 45 लाख हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाये जाएंगे.
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने पिछले महीने एक सर्वे कराया था, जिसमें यह बात सामने आई थी कि नगर निकायों के अंतर्गत मलिन बस्तियों और अनियोजित कॉलोनी की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में शहरों का सुनियोजित विकास नहीं हो पा रहा है. सर्वे में यह बात सामने आई कि अनियोजित विकास की वजह से शहर भी साफ-सुथरे नजर नहीं आते. इस पर योजना निकाली गई कि आयोजित कॉलोनी में रहने वाले गरीब वर्ग के लोगों को किराए के मकान दिए जाएं. इसके लिए उत्तर प्रदेश के सभी आवास विकास परिषद और सभी विकास प्राधिकरण को 45 लाख श्रमिकों, कामगारों के लिए हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाने के लिए जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं.
इसी आधार पर केंद्र सरकार ने अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स स्कीम शुरू करने का फैसला किया है. अब शहरी क्षेत्रों में रहने वाले श्रमिक, कामगार, गरीब छात्रों व अन्य तरह के गरीब वर्ग के लोगों को किफायती दरों पर मकान उपलब्ध कराया जाएगा. नगर निकाय के अफसरों का मानना है कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों की आवास की समस्या का अगर व्यवस्थित तरीके से समाधान कर दिया जाए, तो अनियोजित अवैध कॉलोनियों और मलिन बस्तियों को बेहतर किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की तरफ से यह योजना बनाई गई है. इस योजना को आगे धरातल तक ले जाने के उद्देश्य से उन्होंने सभी आवास विकास परिषद, सभी विकास प्राधिकरण और नगर निकायों को 45 लाख श्रमिक, कामगार, गरीब वर्ग के अन्य जरूरतमंद लोगों को किराए पर मकान दिए जाने के लिए हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि बहुत ही कम दाम पर किराए के मकान गरीबों को उपलब्ध कराए जाएं, इसलिए एक तरफ जो अनियोजित विकास हो रहा है, अवैध कॉलोनियां हैं उन पर रोक लगाई जा सकेगी और शहर भी साफ-सुथरे हो सकेंगे. इसके साथ ही गरीब वर्ग के लोगों के लिए मकान का संकट भी समाप्त होगा.