लखनऊ: कांग्रेस ने बिजली कर्मचारियों के 26 सौ करोड़ रुपए के फंड घोटाले की भरपाई रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से किए जाने की वकालत की है. कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव त्यागी ने बृहस्पतिवार को लखनऊ में यह बात कही.
उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम के कर्मचारी फंड घोटाला मामले में मुख्य जिम्मेदार डीएचएफएल कंपनी का प्रशासक बोर्ड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से भंग कर दिया गया. बैंक की ओर से आर्बिट्रेटर नियुक्त किए जाने पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव त्यागी ने लखनऊ में मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पहले तो बिजली विभाग के 45000 कर्मचारियों के वेतन फंड का 2600 करोड़ रुपया एक ऐसी कंपनी में बर्बाद कर दिया जो दिवालिया होने के कगार पर थी.
बिजली कर्मचारियों के लगातार आंदोलन और संघर्ष के बावजूद सरकार ने डीएचएफएल से पैसा वापस लेने की कोई कोशिश नहीं की गई. इस बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डीएचएफएल कंपनी पर ताला लगा दिया और वहां अपना प्रशासक नियुक्त कर दिया है. ऐसे में डीएचएफएल कंपनी से अब ऊर्जा निगम को 26 100 करोड़ रुपया मिलना मुश्किल होता दिखाई दे रहा है.
ये भी पढ़ें:-मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने की जनपद में बंदर सफारी बनाए जाने की मांग
कांग्रेस पार्टी का मानना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जिस तरह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लाखों करोड़ रूपया अपने लिए लिया है. उसी तरह वह डीएचएफएल में बिजली कर्मचारियों के डूबे 26 सौ करोड़ रुपए का भुगतान भी कराएं इसके लिए सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से धन प्राप्त करें और उसे यूपीपीसीएल के कर्मचारियों में बांट दे.
-राजीव त्यागी, राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस