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राजस्व बढ़ाकर गरीबों पर खर्च कर रही सरकार, पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में भी की कटौती - steady increase in revenue

प्रदेश में सरकार को राजस्व में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे सरकार गरीब कल्याण की योजनाओं पर प्रमुखता से खर्च कर रही है.

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सीएम योगी
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Published : Jul 29, 2022, 9:20 PM IST

लखनऊ: राज्य सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आर्थिक नीतियों का असर है कि प्रदेश में सरकार को राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार गरीब कल्याण की योजनाओं पर प्रमुखता से खर्च भी कर रही है. यह उपलब्धि तब हासिल हुई है, जब सरकार ने बिना कोई टैक्स बढ़ाए आम जनता को राहत देते हुए पेट्रोल डीजल पर लगने वाले वैट में भी कटौती की है.

मुख्यमंत्री योगी ने राजस्व वृद्धि के लिए व्यापक स्तर पर आर्थिक सुधारों को लागू किया. इसके अलावा तकनीक का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा दिया गया. साथ ही कारोबारियों को भी टैक्स देने के लिए बड़े पैमाने पर जागरुक किया गया. इसी का असर है कि मात्र सौ दिनों में निर्धारित लक्ष्य 35 हजार से अधिक 63,032 नए कारोबारियों का जीएसटी में रजिस्ट्रेशन हुआ है. यहीं नहीं, जीएसटी रिटर्न में उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर है. प्रदेश में मार्च 2021 तक देय रिटर्न 95 प्रतिशत कारोबारियों ने दाखिल किया है. राजस्व विभाग के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2017-2018 में यूपी के खजाने में 58,738 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जो 2021-2022 में बढ़कर 98,107 करोड़ रुपये हो गया है. यह वृद्धि 39,369 करोड़ रुपये यानी 67 प्रतिशत अधिक है.

यह भी पढ़ें- भाजपा के इतिहास में प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा देना केवल सजा, स्वतंत्र देव सिंह के भविष्य पर उठ रहे सवाल

गरीब कल्याण के लिए सीएम योगी ने खोला खजाना
योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2021-2022 में करीब 40 हजार करोड़ रुपये की राजस्व वृदिध दर्ज की है. प्रदेश सरकार वित्त वर्ष 2022-23 में इससे ज्यादा गरीब कल्याण के लिए अपने खजाने से खर्च कर रही है. सरकार ने अपने पहले ही फैसले में गरीबों को नि:शुल्क राशन देने के लिए 32 सौ करोड़ रुपए प्रस्तावित किए थे. गरीबों को साल में दो नि:शुल्क रसोई गैस सिलेंडर के अलावा वृद्धावस्था, निराश्रित और दिव्यांगजन पेंशन पर 15 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर रही है. संकल्प पत्र की 97 घोषणाओं के लिए 54 हजार 883 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी खर्च की जा रही है, जिसमें नई योजना के लिए सात हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रस्तावित है।

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन बढ़ाने को चलाए गए अभियान
राजस्व विभाग ने नवंबर 2021 से जनवरी 2022 तक व्यापक स्तर पर पंजीयन जागरुकता अभियान चलाया. इसके तहत 8439 कैंप, 8672 गोष्ठी, 721 मेगा सेमीनार और 5946 होर्डिंग लगाए गए. अभियान में 54,682 नए रजिस्ट्रेशन कराए गए. वर्ष 2021-22 में नए रजिस्ट्रेशन की संख्या देखी जाए तो 2,99,480 रही. वहीं, वर्ष 2022-23 में 1 अप्रैल से 22 जुलाई तक 98,032 नए रजिस्ट्रेशन हुए. अब प्रदेश में जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों की संख्या 18.15 लाख है.

ब्याज माफी बकाया वसूली योजना में 14 हजार से अधिक कारोबारियों ने उठाया लाभ
27 फरवरी से 31 अक्टूबर 2020 तक चलाए गए ब्याज और अर्थ दंड माफी योजना से 14,067 व्यापारी लाभान्वित हुए और सरकार को 115.16 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. वहीं, तीन फरवरी से दो सितंबर 2021 तक इस योजना में 14,575 व्यापारियों को लाभ मिला और 130.28 करोड़ रुपये की धनराशि सरकारी खजाने में जमा हुई. इस तरह दो वर्ष में 245.44 करोड़ रुपये की धनराशि सरकार को राजस्व के तौर पर प्राप्त हुई.

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लखनऊ: राज्य सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आर्थिक नीतियों का असर है कि प्रदेश में सरकार को राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार गरीब कल्याण की योजनाओं पर प्रमुखता से खर्च भी कर रही है. यह उपलब्धि तब हासिल हुई है, जब सरकार ने बिना कोई टैक्स बढ़ाए आम जनता को राहत देते हुए पेट्रोल डीजल पर लगने वाले वैट में भी कटौती की है.

मुख्यमंत्री योगी ने राजस्व वृद्धि के लिए व्यापक स्तर पर आर्थिक सुधारों को लागू किया. इसके अलावा तकनीक का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा दिया गया. साथ ही कारोबारियों को भी टैक्स देने के लिए बड़े पैमाने पर जागरुक किया गया. इसी का असर है कि मात्र सौ दिनों में निर्धारित लक्ष्य 35 हजार से अधिक 63,032 नए कारोबारियों का जीएसटी में रजिस्ट्रेशन हुआ है. यहीं नहीं, जीएसटी रिटर्न में उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर है. प्रदेश में मार्च 2021 तक देय रिटर्न 95 प्रतिशत कारोबारियों ने दाखिल किया है. राजस्व विभाग के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2017-2018 में यूपी के खजाने में 58,738 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जो 2021-2022 में बढ़कर 98,107 करोड़ रुपये हो गया है. यह वृद्धि 39,369 करोड़ रुपये यानी 67 प्रतिशत अधिक है.

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गरीब कल्याण के लिए सीएम योगी ने खोला खजाना
योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2021-2022 में करीब 40 हजार करोड़ रुपये की राजस्व वृदिध दर्ज की है. प्रदेश सरकार वित्त वर्ष 2022-23 में इससे ज्यादा गरीब कल्याण के लिए अपने खजाने से खर्च कर रही है. सरकार ने अपने पहले ही फैसले में गरीबों को नि:शुल्क राशन देने के लिए 32 सौ करोड़ रुपए प्रस्तावित किए थे. गरीबों को साल में दो नि:शुल्क रसोई गैस सिलेंडर के अलावा वृद्धावस्था, निराश्रित और दिव्यांगजन पेंशन पर 15 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर रही है. संकल्प पत्र की 97 घोषणाओं के लिए 54 हजार 883 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी खर्च की जा रही है, जिसमें नई योजना के लिए सात हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रस्तावित है।

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन बढ़ाने को चलाए गए अभियान
राजस्व विभाग ने नवंबर 2021 से जनवरी 2022 तक व्यापक स्तर पर पंजीयन जागरुकता अभियान चलाया. इसके तहत 8439 कैंप, 8672 गोष्ठी, 721 मेगा सेमीनार और 5946 होर्डिंग लगाए गए. अभियान में 54,682 नए रजिस्ट्रेशन कराए गए. वर्ष 2021-22 में नए रजिस्ट्रेशन की संख्या देखी जाए तो 2,99,480 रही. वहीं, वर्ष 2022-23 में 1 अप्रैल से 22 जुलाई तक 98,032 नए रजिस्ट्रेशन हुए. अब प्रदेश में जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों की संख्या 18.15 लाख है.

ब्याज माफी बकाया वसूली योजना में 14 हजार से अधिक कारोबारियों ने उठाया लाभ
27 फरवरी से 31 अक्टूबर 2020 तक चलाए गए ब्याज और अर्थ दंड माफी योजना से 14,067 व्यापारी लाभान्वित हुए और सरकार को 115.16 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. वहीं, तीन फरवरी से दो सितंबर 2021 तक इस योजना में 14,575 व्यापारियों को लाभ मिला और 130.28 करोड़ रुपये की धनराशि सरकारी खजाने में जमा हुई. इस तरह दो वर्ष में 245.44 करोड़ रुपये की धनराशि सरकार को राजस्व के तौर पर प्राप्त हुई.

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