लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह ट्रैफिक पुलिस, लखनऊ द्वारा भेजे गए उस प्रस्ताव पर विचार कर जल्द निर्णय ले. जिसमें कमता स्थित अवध बस स्टैंड को शहर के बाहरी इलाके में कहीं शिफ्ट करने की बात कही गई है. न्यायालय ने कहा है कि इस संबंध में निर्णय लेते समय राज्य परिवहन निगम से भी सलाह ली जाए. मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह में होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान द्वारा दर्ज अवध बार एसोसिएशन टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका के साथ-साथ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते दिया. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि हाईकोर्ट के सर्विस लेन से परिवहन नगर निगम की बसें न गुजरे. उक्त याचिकाएं हाईकोर्ट के इर्द-गिर्द ट्रैफिक समस्या बनी रहने के मुद्दे पर दाखिल की गई है.
सुनवाई के दौरान परिवहन निगम की ओर से अधिवक्ता रत्नेश चंद्रा जबकि नगर निगम की ओर से अमित द्विवेदी व नमित शर्मा ने बहस की. सुनवाई के दौरान परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर व डीसीपी ट्रैफिक लखनऊ भी उपस्थित रहे. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि उक्त याचिकाओं में से एक याचिका में अवध बस स्टैंड को कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने की भी मांग की गई है.
न्यायालय को बताया गया कि ट्रैफिक पुलिस ने पहले ही उक्त बस स्टैंड को शहर के बाहरी इलाके में शिफ्ट करने संबंधी प्रस्ताव भेजा है. यह प्रस्ताव पुलिस कमिश्नर लखनऊ द्वारा राज्य सरकार को 24 जून को अग्रसारित भी किया जा चुका है. इस पर न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए परिवहन निगम को यात्रियों द्वारा बस में चढ़ने-उतरने के स्थानों के संबंध में शहर में प्रचार प्रसार भी करने को कहा है.
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