लखनऊः गाली-गलौज और अपमानित कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के तीन साल पुराने एक मामले में प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान (Former cabinet minister Azam Khan) की ओर से दाखिल जमानत अर्जी का राज्य सरकार की ओर से अभियोजन अधिकारी ने विरोध किया है. इस मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी. ये आदेश एमपी-एमएलए की मजिस्ट्रेटी कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमरीश कुमार श्रीवास्तव ने दिया है.
आजम खान की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर अभियोजन अधिकारी ने विरोध करते हुए कहा है कि उनके खिलाफ लगे आरोप जमानत योग्य नहीं हैं. उल्लेखनीय है कि आजम खान को उनके अधिवक्ता और मामले के विवेचक के अनुरोध पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने बीते 5 जनवरी को बी वारंट के माध्यम से तलब किया था. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर 18 जून तक के लिए जेल भेज दिया गया था.
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आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा नजीर नकवी ने दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि घटना साल 2014 से संबंधित है. लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है. अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेजकर आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके बीजेपी, आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिक करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं.