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गोरखनाथ मंदिर: कभी उमड़ती थी भक्तों और फरियादियों की भीड़, लॉकडाउन में पसरा सन्नाटा

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Published : Jun 3, 2020, 1:39 PM IST

गोरखपुर का गोरखनाथ मंदिर श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है. साथ ही इस मंदिर परिसर में हर रोज हजारों की संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुंचते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है.

लॉकडाउन में सन्नाटा.
लॉकडाउन में सन्नाटा.

गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर लोगों की श्रद्धा का अटूट केंद्र है. इसके साथ ही यह मंदिर राजनीति का भी बहुत बड़ा केंद्र है. मौजूदा समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह घर भी है. यहां पर हर रोज हजारों की संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुंचते ही रहते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन में यहां पर भी आने जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लग चुका है, जिससे इस मंदिर परिसर में सन्नाटा छाया हुआ है.

इसके साथ ही तमाम फरियादियों की समस्याएं भी उनके घरों में ही कैद हैं. हालांकि 8 जून 2020 से धार्मिक स्थलों के खोले जाने का दिन निर्धारित हुआ है. लॉकडाउन के दौरान गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीब दो माह बाद 24 मई को आगमन हुआ था. वह भी मात्र 16 घंटे के लिए, लेकिन इस दौरान भी मंदिर में कोई प्रवेश नहीं कर सका. न फरियादी और न ही श्रद्धालु.

मंदिर परिसर में लॉकडाउन में सन्नाटा.

गैरमौजूदगी में द्वारिका तिवारी देखते हैं कार्यालय
यह मंदिर श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है. साथ ही पीड़ितों के फरियाद को सुने जाने का भी केंद्र है. यहां पर योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद लोगों की फरियाद सुनते रहते थे. मुख्यमंत्री के रूप में वह जब यहां होते हैं तो उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ती है. उनकी गैरमौजूदगी में उनका कार्यालय मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी की देखरेख में संचालित होता है.

सुबह 5 से शाम 8 बजे तक मंदिर खुलने की उम्मीद
इस लॉकडाउन में सभी प्रकार की गतिविधियां बंद हैं. मीडिया का भी मंदिर के अंदर एक निश्चित दायरे तक ही प्रवेश है. लॉकडाउन खुलने के बाद ही मीडिया भी मुख्यमंत्री और मंदिर के कार्यालय तक जा सकती है. ईटीवी भारत ने ऐसी ही परिस्थितियों का पड़ताल मंगलवार को किया, जिसमें अभी भी मंदिर परिसर में वीरानी छाई नजर आई. इस दौरान मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी कैमरे पर तो कुछ नहीं बताए, लेकिन इतना जरूर कहा कि जब मंदिर खुलेगा तो प्रतिदिन सुबह पांच बजे से शाम आठ बजे तक मंदिर के कपाट खोले जाएंगे.

इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाएगा. मंदिर में बैरिकेटिंग भी की जाएगी और परिसर में स्थित किसी भी मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही परिसर में कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूकता के पोस्टर भी लगाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- जेल से रिहा होगा जेसिका लाल का हत्यारा मनु शर्मा, एलजी ने दी मंजूरी

गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर लोगों की श्रद्धा का अटूट केंद्र है. इसके साथ ही यह मंदिर राजनीति का भी बहुत बड़ा केंद्र है. मौजूदा समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह घर भी है. यहां पर हर रोज हजारों की संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुंचते ही रहते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन में यहां पर भी आने जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लग चुका है, जिससे इस मंदिर परिसर में सन्नाटा छाया हुआ है.

इसके साथ ही तमाम फरियादियों की समस्याएं भी उनके घरों में ही कैद हैं. हालांकि 8 जून 2020 से धार्मिक स्थलों के खोले जाने का दिन निर्धारित हुआ है. लॉकडाउन के दौरान गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीब दो माह बाद 24 मई को आगमन हुआ था. वह भी मात्र 16 घंटे के लिए, लेकिन इस दौरान भी मंदिर में कोई प्रवेश नहीं कर सका. न फरियादी और न ही श्रद्धालु.

मंदिर परिसर में लॉकडाउन में सन्नाटा.

गैरमौजूदगी में द्वारिका तिवारी देखते हैं कार्यालय
यह मंदिर श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है. साथ ही पीड़ितों के फरियाद को सुने जाने का भी केंद्र है. यहां पर योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद लोगों की फरियाद सुनते रहते थे. मुख्यमंत्री के रूप में वह जब यहां होते हैं तो उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ती है. उनकी गैरमौजूदगी में उनका कार्यालय मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी की देखरेख में संचालित होता है.

सुबह 5 से शाम 8 बजे तक मंदिर खुलने की उम्मीद
इस लॉकडाउन में सभी प्रकार की गतिविधियां बंद हैं. मीडिया का भी मंदिर के अंदर एक निश्चित दायरे तक ही प्रवेश है. लॉकडाउन खुलने के बाद ही मीडिया भी मुख्यमंत्री और मंदिर के कार्यालय तक जा सकती है. ईटीवी भारत ने ऐसी ही परिस्थितियों का पड़ताल मंगलवार को किया, जिसमें अभी भी मंदिर परिसर में वीरानी छाई नजर आई. इस दौरान मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी कैमरे पर तो कुछ नहीं बताए, लेकिन इतना जरूर कहा कि जब मंदिर खुलेगा तो प्रतिदिन सुबह पांच बजे से शाम आठ बजे तक मंदिर के कपाट खोले जाएंगे.

इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाएगा. मंदिर में बैरिकेटिंग भी की जाएगी और परिसर में स्थित किसी भी मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही परिसर में कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूकता के पोस्टर भी लगाए जाएंगे.

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