लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के संकल्प को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट साकार करेगी. इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है. अगले दो साल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रोड शो के साथ ही अगले पांच वर्षों में तीन ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह का आयोजन किया जाएगा.
सीएम योगी ने पिछले पांच वर्षों में प्रदेश को निवेश हब बनाने के लिए नियमों में सरलीकरण करने के साथ करीब दो दर्जन नीतियों को अमलीजामा पहनाया है. इसके चलते राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों ने भी उत्तर प्रदेश की ओर रुख किया है. उद्योग विभाग को 10 देशों सिंगापुर, यूएस, जापान, यूके, कनाडा, जर्मनी और दक्षिण कोरिया से 20,559 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. विभाग की ओर से 36 हजार से अधिक संभावित रोजगार वाली 39 परियोजनाओं को भूमि भी आवंटित कर दिया है.
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योगी सरकार 1.0 में इंवेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले थे. इसमें से करीब तीन लाख करोड़ तक के प्रोजेक्ट धरातल पर उतर चुके हैं. जीबीसी थ्री में 70 हजार करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने वाले हैं. 1.70 लाख करोड़ की 802 परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं जबकि 57,186 करोड़ की 232 परियोजनाओं में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो चुका है. इसमें एक लाख 40 हजार लोगों को रोजगार भी मिले हैं.
उत्तर प्रदेश को उपभोक्ता राज्य से उत्पादक राज्य बनाने में सरकार की पहल का बड़ा असर धरातल पर दिखने लगा है. इस कारण प्रदेश में हर क्षेत्र में निवेशकों की संख्या बढ़ी है. 47,484 करोड़ की 149 परियोजनाओं और 65,029 करोड़ की 421 परियोजनाओं में जल्द उत्पादन शुरू होने वाला है. इससे 12 लाख 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
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