लखनऊ : चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को अब तक 15 हजार करोड़ रुपये के आशय पत्र प्राप्त हो चुके हैं. निवेशक हम पर भरोसा जता रहे हैं, हम उनके भरोसे पर पूरी तरह से खरे उतरेंगे. शनिवार को गोमतीनगर (विभूति खंड) स्थित होटल मैरियट में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्री इंवेस्टर समिट में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने यह विचार रखे. उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिनों में कुछ बड़े निवेश के और एमओयू भी साइन होने की उम्मीद है. वहीं प्री इन्वेस्टर मीट में दूरदराज से आए निवेशकों ने कहा कि कार्यक्रम काफी अच्छा रहा और यहां पर काफी अच्छा एक्सपीरियंस मिला है.
लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक तक ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. शनिवार को आयोजित प्री इंवेस्टर्स समिट में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग-पैरामेडिकल के क्षेत्र में प्रदेश तरक्की कर रहा है. आज आयोजित इस सत्र में देश और दुनिया के कई देशों से आए निवेशकों के साथ व्यापक स्तर पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है. प्रदेश के 75 जनपदों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के कार्य चल रहा है. अब तक 65 मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो चुके हैं और इनमें पढ़ाई भी शुरू हो गई है.
इसके अलावा 14 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं. आने वाले कुछ दिनों में भारत सरकार के सहयोग से 6 मेडिकल कॉलेज और बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार की मंशा है कि मेडिकल की पढ़ाई गुणवत्तापरक हो. प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस की सीटों की संख्या को दोगुना किया है. वर्तमान में 11 नर्सिंग कॉलेज सरकारी क्षेत्र में काम कर रहे हैं. प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कोर्स चलाए जाए जाने की योजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अब तक 15 हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन हो चुके हैं. आने वाले समय में कई अन्य निवेशकों के साथ भी आशय पत्र प्राप्त होने की संभावना है. कार्यक्रम में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार, सचिव व महानिदेशक श्रुति सिंह आदि मौजूद रहे.
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