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...जब प्रदेश में छात्राओं ने संभाली थाने की कमान, लिए कई निर्णय - एक दिन के लिए बनीं थानेदार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा शुरू किए गए मिशन शक्ति अभियान को बढ़ावा देने के लिए विश्व बाल अधिकार दिवस के मौके पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में छात्राओं को एक दिन के लिए थानेदार बनाया गया. पढ़ाई लिखाई कर कुछ बनने का सपना पाले इन बालिकाओं ने भी अपनी नई जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए थाने पर आए फरियादियों से उनकी समस्याएं सुनीं और उसके निस्तारण के निर्देश भी दिए.

girls became sho for a day
प्रदेश में छात्राओं ने संभाली थाने की कमान.
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Published : Nov 21, 2020, 9:02 AM IST

लखनऊ: विश्व बाल अधिकार दिवस पर प्रदेश के कई जिलों में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए छात्राओं को थानेदार बनाया गया. इस दौरान छात्राओं ने थाने पर आये फरियादियों की समस्याएं सुनीं और उनका निस्तारण भी किया.

एक दिन के लिए बनीं थानेदार छात्राएं


प्रयागराज: नारी सुरक्षा और नारी सम्मान के तहत पुलिस ने जिले के सभी थानों की कमान एक दिन के लिए बालिकाओं के हाथ में सौंप कर न सिर्फ उन्हें दिन भर का थानेदार बनाया, बल्कि बालिकाओं को खुल कर काम करने का मौका भी दिया. मिशन शक्ति के प्रति महिलाएं जागरूक हों, इसके लिए आठवीं की छात्रा वैभवी श्रीवास्तव और इफरा खान को एक दिन के लिए थाने की कमान सौंपी गई. इस दौरान वैभवी ने सबसे पहले थाने में तैनात पुलिस कर्मियों की मीटिंग ली और महिला फरियादियों की शिकायत सुनकर कार्रवाई करने का आदेश दिया. एक दिन की थानेदार बनी इफरा खान ने महिलाओं को अपने हक के प्रति जागरूक रहने के कई टिप्स भी दिए.

girls became sho for a day
छात्राओं ने सुनी फरियाद.

इंटर की छात्रा मरियम बनी 2 घंटे की इंस्पेक्टर


लखनऊ: राजधानी के मलिहाबाद थाने में शुक्रवार को राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज मलिहाबाद की छात्रा मरियम हमीद को 2 घण्टे के लिए थाना प्रभारी बनाया गया. मरियम प्रभारी ने बनने के बाद थाने में एफआईआर दर्ज कर अपराध रजिस्टर, बीट रजिस्टर, शास्त्रागार, मालखाना, महिला हेल्प डेस्क सहित कोतवाली परिसर की साफ सफाई और रखरखाव का निरीक्षण कर जिम्मेदारों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.

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मरियम बनीं इंस्पेक्टर.

कस्बा समदा तालाब निवासी मरियम के पिता अब्दुल हमीद दरदोजी कारीगर हैं. मां गृहिणी हैं. पिता अब्दुल ने बताया कि दरदोजी का काम कर परिवार का पालन पोषण कर बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हैं. उम्मीद यह है कि जो आज काल्पनिक हुआ है, कल मेरी बिटिया वास्तव में पुलिस अफसर बन देश की सेवा करे. मरियम हमीद ने बताया कि वह भविष्य में पुलिस अफसर बन देश की सेवा करना चाहती है.

छात्राओं के हाथ में रही एक दिन के लिए थानों की कमान


गाजीपुर: विश्व बाल अधिकार दिवस पर गाजीपुर के समस्त थानों पर एक दिन के थानेदार के रुप में छात्रों को प्रभार दिया गया. इस दौरान उन्होंने थाने में आने वाले मामलों की सुनवाई भी की. उन्होंने पुलिस बन सड़कों पर वाहन चेकिंग अभियान भी चलाया. मिशन शक्ति अभियान के तहत चल रही इस पहल की छात्राओं ने सराहना की. एक दिन की शहर कोतवाल बनी मनीषा यादव ने बताया कि वह आईपीएस अफसर बनना चाहती हैं.

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थानेदार बनी छात्रा.

चोलापुर थानेदार बनी सातवीं की छात्रा श्रेया जायसवाल


वाराणसी: चोलापुर थाना परिसर में शुक्रवार दोपहर एक अलग हलचल देखने को मिली, जब लोगों को पता चला कि थाने में एक नया थानेदार आया है. पहुंचने पर पता चला कि वहां सातवीं क्लास में पढ़ने वाली श्रेया जायसवाल को थानेदार बनाया गया है. श्रेया जायसवाल ने थाना प्रभारी बनकर आम लोगों की फरियादें सुनी और पुलिस कर्मियों को उस पर अमल करने के आदेश भी दिए. इस दौरान थानाध्यक्ष महेश सिंह ने श्रेया को बताया कि, छात्राएं अपनी सुरक्षा कैसे कर सकती हैं और समस्या होने पर पुलिस में कैसे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं. इसके साथ ही श्रेया ने जाना कि पुलिस कैसे काम करती है. इसके बाद उन्होंने एक दिन की थानाध्यक्ष को पूरा थाना घुमाया. कार्यालय, हथियार, प्रोटेक्शन किट और दंगे के समय प्रयोग होने वाले आंसू गैस के गोले भी दिखाए.

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वाराणसी में छात्रा ने संभाली थाने की कमान.

एक दिन की थाना प्रभारी बनी साक्षी पाण्डेय


वहीं अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस के मौके पर शुक्रवार को 20 वर्षीया साक्षी पाण्डेय को शिवपुर थाने का प्रभारी बनाया गया. साक्षी तरना राघव राम बालिका स्कूल शिवपुर में कक्षा 12वीं की छात्रा है. साक्षी के पिता विनोद कुमार ऑटो ड्राइवर हैं और मां शीला पाण्डेय गृहिणी हैं.

इंटर की छात्रा बनीं थानेदार.

साक्षी पाण्डेय एक दिन के लिए शिवपुर थानाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठीं. उन्होंने बैठते ही एक पीड़िता की समस्याओं को सुना और अपनी समझ के अनुरूप उसे हल कराने के उपाय भी सुझाए. साक्षी ने बताया कि पहले टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन एक दिन का थाना प्रभारी बनने के बाद अब वो पुलिस अफसर बनना चाहती है.

लखनऊ: विश्व बाल अधिकार दिवस पर प्रदेश के कई जिलों में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए छात्राओं को थानेदार बनाया गया. इस दौरान छात्राओं ने थाने पर आये फरियादियों की समस्याएं सुनीं और उनका निस्तारण भी किया.

एक दिन के लिए बनीं थानेदार छात्राएं


प्रयागराज: नारी सुरक्षा और नारी सम्मान के तहत पुलिस ने जिले के सभी थानों की कमान एक दिन के लिए बालिकाओं के हाथ में सौंप कर न सिर्फ उन्हें दिन भर का थानेदार बनाया, बल्कि बालिकाओं को खुल कर काम करने का मौका भी दिया. मिशन शक्ति के प्रति महिलाएं जागरूक हों, इसके लिए आठवीं की छात्रा वैभवी श्रीवास्तव और इफरा खान को एक दिन के लिए थाने की कमान सौंपी गई. इस दौरान वैभवी ने सबसे पहले थाने में तैनात पुलिस कर्मियों की मीटिंग ली और महिला फरियादियों की शिकायत सुनकर कार्रवाई करने का आदेश दिया. एक दिन की थानेदार बनी इफरा खान ने महिलाओं को अपने हक के प्रति जागरूक रहने के कई टिप्स भी दिए.

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छात्राओं ने सुनी फरियाद.

इंटर की छात्रा मरियम बनी 2 घंटे की इंस्पेक्टर


लखनऊ: राजधानी के मलिहाबाद थाने में शुक्रवार को राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज मलिहाबाद की छात्रा मरियम हमीद को 2 घण्टे के लिए थाना प्रभारी बनाया गया. मरियम प्रभारी ने बनने के बाद थाने में एफआईआर दर्ज कर अपराध रजिस्टर, बीट रजिस्टर, शास्त्रागार, मालखाना, महिला हेल्प डेस्क सहित कोतवाली परिसर की साफ सफाई और रखरखाव का निरीक्षण कर जिम्मेदारों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.

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मरियम बनीं इंस्पेक्टर.

कस्बा समदा तालाब निवासी मरियम के पिता अब्दुल हमीद दरदोजी कारीगर हैं. मां गृहिणी हैं. पिता अब्दुल ने बताया कि दरदोजी का काम कर परिवार का पालन पोषण कर बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हैं. उम्मीद यह है कि जो आज काल्पनिक हुआ है, कल मेरी बिटिया वास्तव में पुलिस अफसर बन देश की सेवा करे. मरियम हमीद ने बताया कि वह भविष्य में पुलिस अफसर बन देश की सेवा करना चाहती है.

छात्राओं के हाथ में रही एक दिन के लिए थानों की कमान


गाजीपुर: विश्व बाल अधिकार दिवस पर गाजीपुर के समस्त थानों पर एक दिन के थानेदार के रुप में छात्रों को प्रभार दिया गया. इस दौरान उन्होंने थाने में आने वाले मामलों की सुनवाई भी की. उन्होंने पुलिस बन सड़कों पर वाहन चेकिंग अभियान भी चलाया. मिशन शक्ति अभियान के तहत चल रही इस पहल की छात्राओं ने सराहना की. एक दिन की शहर कोतवाल बनी मनीषा यादव ने बताया कि वह आईपीएस अफसर बनना चाहती हैं.

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थानेदार बनी छात्रा.

चोलापुर थानेदार बनी सातवीं की छात्रा श्रेया जायसवाल


वाराणसी: चोलापुर थाना परिसर में शुक्रवार दोपहर एक अलग हलचल देखने को मिली, जब लोगों को पता चला कि थाने में एक नया थानेदार आया है. पहुंचने पर पता चला कि वहां सातवीं क्लास में पढ़ने वाली श्रेया जायसवाल को थानेदार बनाया गया है. श्रेया जायसवाल ने थाना प्रभारी बनकर आम लोगों की फरियादें सुनी और पुलिस कर्मियों को उस पर अमल करने के आदेश भी दिए. इस दौरान थानाध्यक्ष महेश सिंह ने श्रेया को बताया कि, छात्राएं अपनी सुरक्षा कैसे कर सकती हैं और समस्या होने पर पुलिस में कैसे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं. इसके साथ ही श्रेया ने जाना कि पुलिस कैसे काम करती है. इसके बाद उन्होंने एक दिन की थानाध्यक्ष को पूरा थाना घुमाया. कार्यालय, हथियार, प्रोटेक्शन किट और दंगे के समय प्रयोग होने वाले आंसू गैस के गोले भी दिखाए.

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वाराणसी में छात्रा ने संभाली थाने की कमान.

एक दिन की थाना प्रभारी बनी साक्षी पाण्डेय


वहीं अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस के मौके पर शुक्रवार को 20 वर्षीया साक्षी पाण्डेय को शिवपुर थाने का प्रभारी बनाया गया. साक्षी तरना राघव राम बालिका स्कूल शिवपुर में कक्षा 12वीं की छात्रा है. साक्षी के पिता विनोद कुमार ऑटो ड्राइवर हैं और मां शीला पाण्डेय गृहिणी हैं.

इंटर की छात्रा बनीं थानेदार.

साक्षी पाण्डेय एक दिन के लिए शिवपुर थानाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठीं. उन्होंने बैठते ही एक पीड़िता की समस्याओं को सुना और अपनी समझ के अनुरूप उसे हल कराने के उपाय भी सुझाए. साक्षी ने बताया कि पहले टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन एक दिन का थाना प्रभारी बनने के बाद अब वो पुलिस अफसर बनना चाहती है.

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