लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. यहां पर विश्वविद्यालय से लेकर कई इंटर कॉलेज ऐसे हैं जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं. इनमें से कई की विदेश तक ख्याति है. उन्हीं में से एक इंटर कॉलेज जो विशेष तौर पर छात्राओं के लिए बना है. अब उस पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है. बीते दिनों एक कार्यक्रम में सरकार की ओर से प्रदेश के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के विस्तार के लिए इस विद्यालय की भूमि देने की बात कही गई है. जिसको लेकर विद्यालय में पढ़ रही छात्राओं के अभिभावकों में रोष व्याप्त है. यहां पढ़ रही छात्राओं के अभिभावकों का कहना है कि यह विद्यालय एक ऐतिहासिक महत्व का होने के साथ ही शहर के सबसे बड़े राज्य बालिका इंटर कॉलेजों में से एक है. ऐसे में सरकार को इसे संरक्षित करना चाहिए न कि इस पर बुलडोजर चला कर इसे बंद कर देना चाहिए. इस करीब 120 साल पुराने इंटर कॉलेज को बचाने के लिए विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के अभिभावकों ने अपनी तरफ से मुहिम शुरू करने की तैयारी की है.
120 साल पुराने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज को हटाने की तैयारी
शिक्षा विभाग का कहना है कि राजधानी में संचालित पांच अन्य राजकीय बालिका इंटर कॉलेज से अगर इसकी तुलना की जाए. तो यह सबसे बड़ा बालिका इंटर कॉलेज है, जहां पर इतनी बड़ी संख्या में छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. ऐसे में जैसे ही अभिभावकों को विद्यालय के बंद होने की सूचना प्राप्त हुई वह सब विद्यालय को बचाने में जुट गए हैं. मंगलवार को इसी कड़ी में विद्यालय परिसर में सभी अभिभावकों व शिक्षकों के बीच बैठक हुई. जिसमें विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को दूसरी जगह भेजने पर किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसको लेकर एक कॉमन एजेंडा तैयार करने का निर्णय हुआ है. इसके अलावा इस विद्यालय को बचाने के लिए एक संघर्ष समिति के भी गठन किया गया है. जिसमें करीब डेढ़ दर्जन से अधिक अभिभावकों का एक प्रतिनिधि मंडल बनाया गया है. जो इस विद्यालय को बचाने के लिए आगे की क्या रणनीति अपनाई जाए उस पर काम करेगा.
बैठक में तय किया गया है कि छात्राओं को छोटी जुबली इंटर कॉलेज या राजकीय हुसैनाबाद इंटर कॉलेज में शिफ्ट किया जाए. हालांकि अभिभावकों ने बैठक में इन दोनों ही विद्यालयों में छात्राओं के अभिभावकों ने नाराजगी जाहिर की है. अभिभावकों का कहना है कि उन्हें जानकारी दी गई है कि छोटे जुबली इंटर कॉलेज में इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं को बैठाने की जगह नहीं है. वहीं कई अभिभावक हुसैनाबाद इंटर कॉलेज में अपनी बच्चियों को नहीं भेजना चाहते हैं. क्योंकि हुसैनाबाद इंटर कॉलेज के बगल में ही चिकित्सा विश्वविद्यालय की पोस्टमार्टम बिल्डिंग है. उसके आने जाने का रास्ता हुसैनाबाद इंटर कॉलेज के मुख्य गेट के बगल से ही बना हुआ है. जिस कारण से वहां पर छात्राएं जाने से काफी घबराती हैं.
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