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व्हाट्सएप से मिलेगी फसलों में लगने वाले रोग से बचाव की जानकारी

राजधानी में किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने विभाग द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है. इस पोर्टल पर प्रदेश के सभी किसानों को पंजीकरण कराना होगा. अब व्हाट्सएप के जरिए भी किसानों को विशेषज्ञ उचित सलाह देंगे.

agriculture department
किसानों को कराना होगा पंजीकरण
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Published : Aug 14, 2020, 8:35 PM IST

लखनऊ: देश में गरीब किसानों की मदद के लिए सरकार नई-नई योजनाएं बनाती है. देश का पालन-पोषण करने वाले किसानों का योगदान देश के प्रति बहुत ज्यादा रहता है. इसलिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही उनके जीवन को बेहतर बनाने में अपना योगदान देते रहते हैं. किसानों को फसलों में लगने वाले रोग से बचाव की जानकारी अब व्हाट्सएप के जरिए मिल सकेगी. इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से दो व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं. अब इन व्हाट्सएप नंबर पर किसानों को फसल की फोटो भेजने के बाद विशेषज्ञ उचित सलाह देंगे. इसके लिए विभाग की तरफ से 9452247111 और 9452257111 नंबर जारी किए गए हैं.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह से बातचीत.

किसानों को कराना होगा पंजीकरण
किसानों की ऑनलाइन समस्या का समाधान करने के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया गया है. जिसे पीसीएस-आरएएस (पार्टिसिपेटरी क्रॉप सर्विलांस एंड रिस्पांस सिस्टम) कहा जाता है. समस्या के समाधान के साथ-साथ किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी भी मिलेगी. इसका लाभ उठाने के लिए किसानों को वेबसाइट (यूपी एग्रीकल्चर डॉट कॉम) पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के दौरान किसानों को खतौनी, बैंक पासबुक, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर देना होगा, जिसके बाद पंजीकरण संख्या जनरेट होगी.

कृषि उपकरण सब्सिडी योजना
इस योजना में कृषि के काम में उपयोग में लाए जाने वाले सिंचाई, बुआई, कटाई, छटाई और जुताई से जुड़े सभी उपकरणों पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं.

किसानों के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार
जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है. उस पर प्रदेश के समस्त किसानों को पंजीकृत होना है. किसान वेबसाइट पर पंजीकरण कराएंगे. इसके लिए किसानों के चार डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. पंजीकरण संख्या आने के बाद किसान उसी पोर्टल पर कृषि से संबंधित सभी उपकरण खरीद सकते हैं. इसके लिए किसानों को पंजीकरण व आवेदन करना आवश्यक है. किसानों की फसलों में कीट व रोग लगते हैं, उसकी समस्या का समाधान करने के लिए विभाग द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है. इसके दो व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं, जिस पर किसान फसल की फोटो खींचकर समस्या बताएंगे और विशेषज्ञ उचित राय देंगे.

लखनऊ: देश में गरीब किसानों की मदद के लिए सरकार नई-नई योजनाएं बनाती है. देश का पालन-पोषण करने वाले किसानों का योगदान देश के प्रति बहुत ज्यादा रहता है. इसलिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही उनके जीवन को बेहतर बनाने में अपना योगदान देते रहते हैं. किसानों को फसलों में लगने वाले रोग से बचाव की जानकारी अब व्हाट्सएप के जरिए मिल सकेगी. इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से दो व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं. अब इन व्हाट्सएप नंबर पर किसानों को फसल की फोटो भेजने के बाद विशेषज्ञ उचित सलाह देंगे. इसके लिए विभाग की तरफ से 9452247111 और 9452257111 नंबर जारी किए गए हैं.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह से बातचीत.

किसानों को कराना होगा पंजीकरण
किसानों की ऑनलाइन समस्या का समाधान करने के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया गया है. जिसे पीसीएस-आरएएस (पार्टिसिपेटरी क्रॉप सर्विलांस एंड रिस्पांस सिस्टम) कहा जाता है. समस्या के समाधान के साथ-साथ किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी भी मिलेगी. इसका लाभ उठाने के लिए किसानों को वेबसाइट (यूपी एग्रीकल्चर डॉट कॉम) पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के दौरान किसानों को खतौनी, बैंक पासबुक, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर देना होगा, जिसके बाद पंजीकरण संख्या जनरेट होगी.

कृषि उपकरण सब्सिडी योजना
इस योजना में कृषि के काम में उपयोग में लाए जाने वाले सिंचाई, बुआई, कटाई, छटाई और जुताई से जुड़े सभी उपकरणों पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं.

किसानों के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार
जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है. उस पर प्रदेश के समस्त किसानों को पंजीकृत होना है. किसान वेबसाइट पर पंजीकरण कराएंगे. इसके लिए किसानों के चार डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. पंजीकरण संख्या आने के बाद किसान उसी पोर्टल पर कृषि से संबंधित सभी उपकरण खरीद सकते हैं. इसके लिए किसानों को पंजीकरण व आवेदन करना आवश्यक है. किसानों की फसलों में कीट व रोग लगते हैं, उसकी समस्या का समाधान करने के लिए विभाग द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है. इसके दो व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं, जिस पर किसान फसल की फोटो खींचकर समस्या बताएंगे और विशेषज्ञ उचित राय देंगे.

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