लखनऊ: लखनऊ निवासी 45 वर्षीय पुरुष को करीब डेढ़ साल पहले पेट व कमर के ऊपरी हिस्से में दर्द हुआ. स्थानीय डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने गुर्दे में पथरी की आशंका जाहिर की. मरीज को केजीएमयू यूरोलॉजी विभाग में दिखाने की सलाह दी. मरीज यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में पहुंचा. डॉ. विश्वजीत सिंह ने मरीज को ओपीडी में देखा. मरीज को पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी समेत दूसरी जांच कराई. जांच रिपोर्ट में गुर्दे में कई बड़ी पथरी की पुष्टि हुई. डॉक्टर ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी.
मरीज ने पथरी को गंभीरता से नहीं लिया
मरीज ने गुर्दे की पथरी के ऑपरेशन में टालमटौल किया. ऑपरेशन टाल दिया. दो से तीन माह बाद मरीज को फिर से दिक्कत हुई. मरीज दोबारा यूरोलॉजी विभाग पहुंचा. डॉ. विश्वजीत सिंह ने दोबारा जांच कराई. अब पथरी दोनों गुर्दों में पनप चुकी थी. डॉक्टरों ने चिंता जाहिर करते हुए फौरन ऑपरेशन कराने की सलाह दी. डॉ. विश्वजीत ने मुफ्त इलाज की जानकारी भी दी. इसके बावजूद मरीज ने ध्यान नहीं दिया. करीब एक माह पूर्व मरीज गंभीर अवस्था में यूरोलॉजी पहुंचा. यहां डॉक्टरों ने मरीज का सीटी स्कैन व एफएनएसी जांच कराई. जिसमें स्क्वामस सेल कार्सिनोमा की पुष्टि हुई.
पथरी के इलाज के न करें नजरअंदाज
डॉ. विश्वजीत ने बताया कि गुर्दे में बड़े आकार की पथरी को लंबे समय तक नहीं छोड़ना चाहिए. डॉक्टर की सलाह पर तुरंत ऑपरेशन कराना चाहिए. पथरी गुर्दे की कोशिकाओं को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते हैं. उन्होंने बताया कि गुर्दे में स्क्वामस सेल कार्सिनोमा का पनपना बहुत ही दुर्लभ है. यह कैंसर महिलाओं में गर्भाश्य के मुंह में अधिक पाया जाता है. फेफड़े, मुंह, होंठ समेत दूसरे अंगों में भी पाया जाता है. फिलहाल मरीज का इलाज यूरोलॉजी व मेडिकल आंकोलॉजी विभाग में चल रहा है.