लखनऊ: गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म के आरोप लगाने वाली महिला सविता पाठक के वकील दिनेश त्रिपाठी ने गाजीपुर थाने में गुरुवार को गायत्री प्रजापति, सविता पाठक और सविता पाठक की बेटी के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. FIR के बाद कार्रवाई करते हुए लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया है. कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत का आदेश जारी किया, जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रजापति को जेल भेज दिया है.
डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा ने बताया कि गाजीपुर थाने में लिखी गई FIR के बाद यह कार्रवाई की गई है. गिरफ्तारी के बाद गायत्री प्रजापति को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से कोर्ट के सामने पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में गायत्री प्रजापति को जेल भेज दिया है. दुष्कर्म के आरोपों के तहत गायत्री प्रजापति ज्यूडिशियल कस्टडी के तहत केजीएमयू में अपना इलाज करा रहे थे. बीते दिनों गायत्री प्रजापति को 2 महीने की अंतरिम जमानत मिली थी. जमानत में अभी गायत्री प्रजापति जेल से रिहा भी नहीं हुए थे कि उन्हें दूसरे मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
वकील ने दर्ज करायी थी FIR
गायत्री प्रसाद प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सविता पाठक के वकील देवेंद्र त्रिपाठी ने गाजीपुर थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति, उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सविता पाठक और उसकी बेटी के खिलाफ धारा 420 के तहत धोखाधड़ी, 467 (कूट रचित दस्तावेज बनाना) 468 (कूट रचित दस्तावेजों का प्रयोग करना) 471 (कूट रचित इलेक्ट्रॉनिक्स दस्तावेज बनाना) 506 ( आपराधिक धमकी देना) के तहत गाजीपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
गायत्री प्रजापति ने दी थी जान से मारने की धमकी
अपनी शिकायत में सविता पाठक के वकील ने कई खुलासे किए हैं. सविता के वकील दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने बेनामी संपत्ति को सविता पाठक के नाम पर ट्रांसफर कराया है, जिसके बाद ही सविता पाठक ने गायत्री प्रजापति पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को हटाया है. बीते दिनों सविता पाठक ने गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म के आरोपों को गलत बताते हुए उन्हें अपने पिता तुल्य बताया था. इसके बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से 2 महीने की अंतरिम जमानत मिली थी. इसी बीच सविता पाठक व वकील के बीच में विवाद हो गया, जिसके बाद सविता पाठक ने वकील को जान से मारने की धमकी दी. वकील की ओर से यह भी आरोप लगाए गए हैं कि जमानत के बाद गायत्री प्रजापति की ओर से भी वकील को धमकाया गया.
प्रजापति और सविता पाठक में हुई थी डील
अपनी शिकायत में दिनेश तिवारी ने कहा कि मुकदमा संख्या 29/2017 सविता पाठक बनाम गायत्री प्रजापति में मैं सावित्री पाठक की ओर से वकील था. फरवरी 2019 में शिकायतकर्ता सविता पाठक की ओर से आरोपों को वापस लेते हुए शपथ पत्र कोर्ट में पेश करने के लिए कहा गया. मुझे जानकारी मिली थी कि आरोपों को वापस लेने के लिए सविता पाठक की ओर से गायत्री प्रसाद प्रजापति से बड़ी डील की गई है, जिसमें मोटी रकम, दो प्लाट और दो मकान लिए गए हैं. मैंने इसका विरोध किया और कहा कि लाभ लेकर शपथपत्र दाखिल करना गैरकानूनी है. इसके बाद सविता पाठक की ओर से मुझे धमकाया गया और फर्जी मुकदमे में फंसाने की बात कही गई. सविता पाठक बनाम गायत्री प्रजापति मामले में सविता पाठक ने दूसरे वकील कर लिए. इसके बाद सविता पाठक ने जून 2019 में चित्रकूट में मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें फाइनल रिपोर्ट लग गई. इसके बाद भी 7 जुलाई 2019 की घटना का जिक्र करते हुए सविता पाठक ने मेरे खिलाफ गौतमपल्ली थाना लखनऊ में गायत्री प्रसाद प्रजापति की सांठगांठ के साथ दुष्कर्म की धाराओं के तहत 27 दिसंबर 2019 को मुकदमा दर्ज कराया. वकील ने यह भी बताया कि 17 जुलाई 2019 को आशियाना स्थित एक मकान में सविता पाठक और गायत्री प्रसाद प्रजापति के बीच में डील हुई थी.
अज्ञात लोग वकील का करते हैं पीछा
अपनी शिकायत ने वकील ने यह भी आरोप लगाए हैं कि गायत्री प्रसाद प्रजापति और सविता की जेल से भी कई बार बातचीत हुई है. वकील ने यहां तक बताया है कि प्रजापति से बातचीत में उन्होंने बाहर आने पर वकील को कुछ पैसे देने का लालच भी दिया था. लालच के साथ-साथ गायत्री प्रजापति ने वकील को धमकाया भी था कि अगर बयान दर्ज कराने में व्यवधान उत्पन्न करोगे तो तुम्हारी हत्या करा दूंगा. वकील ने बताया है कि जब से गायत्री प्रजापति की जमानत हुई है अज्ञात लोग उसकी गाड़ी का पीछा करते हैं.