गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का युद्धस्तरीय दौरा करने निकले हैं. उन्होंने रविवार को गोरखपुर महानगर में जलजमाव की स्थिति का भी जायजा लिया. सीएम ने मोहरीपुर और राप्तीनगर वार्ड का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल निकासी के तत्काल इंतजाम किए जाएं. इस दौरान मोहरीपुर के नुरुद्दीनचक में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करते हुए सीएम ने कहा- इस बार दीनदयाल जयंती (25 सितंबर) पर प्रदेश के सभी 826 विकासखंडों में गरीब कल्याण मेला आयोजित का आयोजन किया जाएगा. इस मेले में स्वास्थ्य जांच के साथ ही गरीबों को तमाम कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा.
नुरुद्दीनचक में मुख्यमंत्री ने बताया कि गरीब कल्याण मेले में गरीबों को जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज बनाए जाएंगे और वहीं उन्हें बैंकों से ऋण प्राप्त करने की सुविधा भी मिलेगी. सीएम योगी ने कहा कि भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में जो वृद्धि हुई है, वैसा पिछले 50 सालों में नहीं देखा गया. संकट की इस घड़ी में सरकार हर व्यक्ति के साथ खड़ी है. हर पीड़ित को पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. सीएम ने कहा- शहरी क्षेत्र को जलजमाव से राहत दिलाने के लिए कई पम्पिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं. जल निकासी के लिए प्रशासन अन्य अतिरिक्त इंतजाम भी कर रहा है. तत्काल कच्चा नाला बनाकर जलनिकासी का उपाय होगा.
रैम्पस स्कूल में स्वच्छता महाभियान का शुभारंभ करने के बाद सीएम योगी ने राप्तीनगर वार्ड के डॉक्टर्स एनक्लेव में जलजमाव की समस्या का निरीक्षण किया. कार्यक्रम स्थल से कॉलोनी तक वह पैदल ही पहुंच गए. उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को हिदायत दी कि पीडब्लूडी, जीडीए व नगर निगम मिलकर जलनिकासी की ठोस व स्थायी कार्य योजना बनाएं. उसके पहले यहां तत्काल कच्चा नाला बनाकर जलनिकासी कराएं, ताकि लोगों को जलजमाव से मुक्ति मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपदा का समय है. सरकार जनता के साथ खड़ी है और बाढ़ से बचाव के सभी उपाय कर रही है. कोई खुद को असहाय न समझे. सबको धैर्य के साथ प्रशासनिक मशीनरी का सहयोग करते हुए योजनाओं से लाभान्वित होना है. आपदा से हर नुकसान की भरपाई कर रही सरकार. बाढ़ के चलते किसी किसान या बटाईदार की मृत्यु पर उसे तत्काल मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की बीमा से आच्छादित करने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है. इसी तरह यदि किसी व्यक्ति के पालतू पशु (गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी आदि) की बाढ़ के चलते मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए भी सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलेगी.
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सीएम ने कहा - बाढ़ के चलते जिनके पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उसके लिए भी सरकार 95 हजार रुपये तक अनुमन्य धनराशि देगी. यदि किसी का मकान कटान के चलते नदी में विलीन हो गया है तो सरकार उसे न केवल आवास के लिए भूमि का पट्टा देगी, बल्कि उसके लिए सीएम आवास योजना से आवास की भी व्यवस्था की जाएगी. सीएम ने बाढ़ से पशुओं की मृत्यु पर पशुपालकों को आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया. साथ ही उन्होंने बाढ़ से बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति का भी आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा, इसके लिए सर्वेक्षण शुरू करा दिया गया है.