लखनऊ: काकोरी स्थित निजी अस्पताल में गर्भवती को एक्सपायर सिरप थमाए जाने के मामले (Expired medicine to patient in Lucknow) की जांच अब एफएसडीए (Food Safety and Drug Administration) करेगा. स्वास्थ्य विभाग ने शिकायती पत्र संबंधित विभाग को भेजा है. इसके बाद वहां से मामले की जांच होगी. अफसरों का कहना है अस्पताल की फार्मेसी का लाइसेंस संग दवाओं की जांच होगी.
काकोरी स्थित कुसमी गांव निवासी गर्भवती प्रवेश कुमारी का इलाज नबीनगर पहिया रोड के दुर्गागंज के निजी अस्पताल में चल रहा था. 16 मई को गर्भवती प्रवेश कुमारी को पेट में दर्द हुआ. पति कमलेश कुमार पत्नी को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टर ने मरीज को देखा. अल्ट्रासाउंड जांच कराई. उसके बाद एक सिरप व कुछ दवाएं लिखी. पति ने नर्सिंग होम की फार्मेसी से एक माह के लिए तीन सिरप व दवाएं खरीदी. सिरप पीने के बाद गर्भवती की हालत बिगड़ गई थी.
पति ने सिरप की शीशी में दवा निर्माण व एक्सपायरी डेट देखी. आरोप है कि सिरप की एक्सपायर हो चुकी थी. पति ने मामले की शिकायत सीएमओ आफिस में किया था. मामला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से जुड़ा होेने की वजह से स्वास्थ्य विभाग ने शिकायती पत्र एफएसडीए को भेजा है. एफएसडीए के सहायक मंडल आयुक्त बृजेश के मुताबिक, मरीज को एक्सपायर दिए जाने का मामला गंभीर है. कहा मामले की जांच करके आगे की कार्रवाई होगी.
जानकीपुरम ट्रॉमा शुरू करने के लिए दोबारा चिट्ठी भेजी: जानकीपुरम ट्राॅमा सेंटर शुरू करने की कवायद स्वास्थ्य विभाग ने तेज कर दी है. विभाग बिल्डिंग हैंडओवर लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अफसरों का कहना है डॉक्टर व मैनपॉवर के लिए रिमांइडर दोबारा भेजा गया है. स्टॉफ मिलते ही ट्रॉमा का संचालन शुरू कराया जाएगा.
ट्रॉमा सेंटर का निर्माण पूरा हो चुका है. कार्यदायी संस्था तीन माह से बिल्डिंग हैंडओवर लिए जाने के लिए पत्र भेज रही है. डॉक्टर-स्टॉफ न मिलने से अफसर बिल्डिंग नहीं ले रहे थे. सीएमओ डॉ. मनोज ने बताया ट्रॉमा शुरू करने की दिशा में काम हो रहा है. इस नए ट्रामा सेंटर के शुरू होने से घायलों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी. जिसमें ऑर्थो, जनरल सर्जन, डेंटल, मेडिसिन के डॉक्टर तैनात किए जाने के लिए दोबारा रिमांइडर भेजा गया है.
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