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लॉकडाउन: फलों की कीमतों में आई गिरावट, ये हैं फलों के भाव.....

देश भर में लॉकडाउन होने की वजह से अर्थव्यवस्था घुटने पर आ गई है. सब्जी,फल सहित कई अन्य चीजों के दामों में लगातार गिरावट आ रही है, हालांकि लॉकडाउन-3 में सरकार ने कुछ राहत दी है. जिसके बाद फल मंड़ी में कुछ चहल-पहल बढ़ी है. फलों की कीमतों में आयी गिरावट को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी लखनऊ की फल मंड़ी में जाकर फल कारोबारियों से बातचीत की.

फलों की कीमतों में आई गिरावट.
फलों की कीमतों में आई गिरावट.
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Published : May 10, 2020, 6:02 PM IST

लखनऊ: लॉकडाउन से कारोबारी, मजदूर, किसान सभी परेशान हैं. बाजारों की रौनक चली गई है. लेकिन लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ शर्तों के साथ मिली राहत से, मंडियों में कुछ फलों की दुकानें फिर से सजने लगी हैं. हालांकि फल व्यापारी अभी पूरी तरीके से अपना कारोबार नहीं कर पा रहे हैं. लखनऊ फल मंडी के दुकानदार फलों की बिक्री नहीं होने से काफी परेशान हैं. ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित फल मंडी में फल की कीमतों का जायजा लिया.

फलों की कीमतों में आई गिरावट.

मंडी में फल दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से जहां फलों के रेट में पहले की तुलना में गिरावट आई है. बिक्री कम होने से वह माल कम ही मंगा रहे हैं. नवरात्र के बाद अब रमजान भी खत्म होने को है. यही वो दिन होते हैं जब फल कारोबारियों का अच्छा बिजनेस होता है, लेकिन लॉकडाउन ने सारा कारोबार ठप कर दिया है.

वर्तमान में फलों के भाव (प्रति किलो की दर से)

क्र.सं.फलभाव
1आम80 से 100 रुपये
2सेब80 से 160 रुपये
3अनार 70 से 90 रुपये
4संतरा 60 से 80 रुपये
5पपीता30 से 40 रुपये
6अंगूर70 से 90 रुपये
7केला 30 से 40 रुपये (प्रति दर्जन)
8तरबूज20 रुपये (प्रति पीस)
9खरबूजा 20 से 40 रुपये (प्रति पीस)

लॉकडाउन के पहले जो संतरा 60 से 80 रुपये किलो बिक रहा था, अब इसका भाव गिरकर 40 से 60 रुपये प्रति किलो हो गया है. कुछ यही हाल केला, अंगूर, पपीता का भी है. लॉकडाउन से पहले और बाद की कीमतों में करीब 20 रुपये का अंतर आया है. लॉकडाउन से पहले हर साल फरवरी महीने में लखनऊ फल मंड़ी का कारोबार 14 से 15 करोड़ रुपये प्रति महीने का होता था, जो गिरकर 8 से 10 करोड़ रुपये प्रतिमाह हो गया है.

लॉकडाउन से पहले 15 मार्च के आसपास फलों के भाव (प्रति किलो की दर से)

क्र.सं.फलभाव
1 सेब100 से 180 रुपये
2अनार80 से 100 रुपये
3संतरा40 से 60 रुपये
4पपीता40 रुपये
5अंगूर 120 से 150 रुपये
6केला 30 से 40 रुपये (प्रति दर्जन)
7तरबूज40 रुपये (प्रति पीस)

फल मंड़ी में फल दुकानदार किशनलाल सोनकर ने ईटीवी भारत को बताया कि लॉकडाउन की वजह से माल भी कम मंगाया जा रहा है. रेट में भी पहले की तुलना में गिरावट है. माल की भी इतनी खपत नहीं है, क्योंकि ज्यादातर रास्ते बंद हैं. पब्लिक भी कम ही आ रही है. जब पब्लिक ही नहीं आएगी तो माल कहां बेचेंगे. नवरात्रि में कुछ ठीक चल रहा था और अब रमजान खत्म होने वाला है, लेकिन लॉकडाउन के कारण बिक्री नहीं हो रही.

दूसरी ओर प्रशासन की तरफ से लगातार यह दावा किया जा रहा है कि फल की कीमतें लगातार नियंत्रित की जा रही हैं. फलों की कीमतों को लेकर मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं.

मंडी प्रभारी और एडीएम ट्रांसगोमती विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के बाद हम लोगों के सामने चुनौतियां थी. फलों के मूल्य को नियंत्रित करने हमारे ऊपर दारोमदार था. इसके लिए हमने शुरू से रणनीति बनाई और काम किया. इसके लिए हमने सभी फल व्यापारियों के साथ एक बैठक की. जिस भी सामान का रेट तय होता है डिमांड और सप्लाई के आधार पर होता है. डिमांड और सप्लाई के आधार पर हमने सप्लाई चेन कहीं से टूटने नहीं दी. इसी के कारण हम लोग लॉकडाउन के दौरान दाम नियंत्रित करने में सफल हुए हैं.

लखनऊ: लॉकडाउन से कारोबारी, मजदूर, किसान सभी परेशान हैं. बाजारों की रौनक चली गई है. लेकिन लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ शर्तों के साथ मिली राहत से, मंडियों में कुछ फलों की दुकानें फिर से सजने लगी हैं. हालांकि फल व्यापारी अभी पूरी तरीके से अपना कारोबार नहीं कर पा रहे हैं. लखनऊ फल मंडी के दुकानदार फलों की बिक्री नहीं होने से काफी परेशान हैं. ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित फल मंडी में फल की कीमतों का जायजा लिया.

फलों की कीमतों में आई गिरावट.

मंडी में फल दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से जहां फलों के रेट में पहले की तुलना में गिरावट आई है. बिक्री कम होने से वह माल कम ही मंगा रहे हैं. नवरात्र के बाद अब रमजान भी खत्म होने को है. यही वो दिन होते हैं जब फल कारोबारियों का अच्छा बिजनेस होता है, लेकिन लॉकडाउन ने सारा कारोबार ठप कर दिया है.

वर्तमान में फलों के भाव (प्रति किलो की दर से)

क्र.सं.फलभाव
1आम80 से 100 रुपये
2सेब80 से 160 रुपये
3अनार 70 से 90 रुपये
4संतरा 60 से 80 रुपये
5पपीता30 से 40 रुपये
6अंगूर70 से 90 रुपये
7केला 30 से 40 रुपये (प्रति दर्जन)
8तरबूज20 रुपये (प्रति पीस)
9खरबूजा 20 से 40 रुपये (प्रति पीस)

लॉकडाउन के पहले जो संतरा 60 से 80 रुपये किलो बिक रहा था, अब इसका भाव गिरकर 40 से 60 रुपये प्रति किलो हो गया है. कुछ यही हाल केला, अंगूर, पपीता का भी है. लॉकडाउन से पहले और बाद की कीमतों में करीब 20 रुपये का अंतर आया है. लॉकडाउन से पहले हर साल फरवरी महीने में लखनऊ फल मंड़ी का कारोबार 14 से 15 करोड़ रुपये प्रति महीने का होता था, जो गिरकर 8 से 10 करोड़ रुपये प्रतिमाह हो गया है.

लॉकडाउन से पहले 15 मार्च के आसपास फलों के भाव (प्रति किलो की दर से)

क्र.सं.फलभाव
1 सेब100 से 180 रुपये
2अनार80 से 100 रुपये
3संतरा40 से 60 रुपये
4पपीता40 रुपये
5अंगूर 120 से 150 रुपये
6केला 30 से 40 रुपये (प्रति दर्जन)
7तरबूज40 रुपये (प्रति पीस)

फल मंड़ी में फल दुकानदार किशनलाल सोनकर ने ईटीवी भारत को बताया कि लॉकडाउन की वजह से माल भी कम मंगाया जा रहा है. रेट में भी पहले की तुलना में गिरावट है. माल की भी इतनी खपत नहीं है, क्योंकि ज्यादातर रास्ते बंद हैं. पब्लिक भी कम ही आ रही है. जब पब्लिक ही नहीं आएगी तो माल कहां बेचेंगे. नवरात्रि में कुछ ठीक चल रहा था और अब रमजान खत्म होने वाला है, लेकिन लॉकडाउन के कारण बिक्री नहीं हो रही.

दूसरी ओर प्रशासन की तरफ से लगातार यह दावा किया जा रहा है कि फल की कीमतें लगातार नियंत्रित की जा रही हैं. फलों की कीमतों को लेकर मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं.

मंडी प्रभारी और एडीएम ट्रांसगोमती विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के बाद हम लोगों के सामने चुनौतियां थी. फलों के मूल्य को नियंत्रित करने हमारे ऊपर दारोमदार था. इसके लिए हमने शुरू से रणनीति बनाई और काम किया. इसके लिए हमने सभी फल व्यापारियों के साथ एक बैठक की. जिस भी सामान का रेट तय होता है डिमांड और सप्लाई के आधार पर होता है. डिमांड और सप्लाई के आधार पर हमने सप्लाई चेन कहीं से टूटने नहीं दी. इसी के कारण हम लोग लॉकडाउन के दौरान दाम नियंत्रित करने में सफल हुए हैं.

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