लखनऊ: रक्त में गुणवत्ता वृद्धि करने व शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है. यह जानकारी रविवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने दी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की निशुल्क जांच की जा रही है और उनका इलाज किया जा रहा है.
मरीजों को एडवांस फ्री ट्रांसफ्यूजन की सुविधा
प्रदेश सरकार द्वारा लोगों में रक्त गुणवत्ता वृद्धि करने व शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार द्वारा इसके लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को निशुल्क रक्त उपलब्ध कराए जा रहा हैं. भर्ती मरीजों में रक्त की गुणवत्ता विधि के अंतर्गत प्रदेश के तीन चिकित्सा अस्पतालों में लोगों को एडवांस फ्री ट्रांसफ्यूजन की सुविधा दी जा रही है. इनमें अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज, जीएसवीएम कानपुर व राजधानी का केजीएमयू शामिल है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश के 6 अस्पतालों के ब्लड बैंकों में यह सुविधा जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी. इनमें लखनऊ के भी तीन अस्पतालों को शामिल किया गया है. जिसमें एसजीपीजीआइएमएस, आरएमएलआईएमएस व सिविल अस्पताल है. इसके अलावा कानपुर का यूएचएम, आगरा मेडिकल कॉलेज और वाराणसी के बीएचयू को चिन्हित किया गया है.
27 केंद्रों पर हीमोफीलिया प्रबंधन की निशुल्क सुविधा
उन्होंने बताया कि रक्त की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रदेश के 14 केंद्रों पर थैलेसीमिया प्रबंधन और 27 केंद्रों पर हिमोफीलिया प्रबंधन की निशुल्क सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है. 8 केंद्रों में हाई परफारमेंस लिक्विड क्रोमेटोग्राफी उपकरण की स्थापना के द्वारा हीमोग्लोबिन वैरियंट की जांच भी जा रही है. इसके साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान से प्रदेश भर में रक्त संग्रह बढ़ने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मंडल स्तर पर रक्त कलेक्शन किया जा रहा है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी रक्तदान शिविर लगाए जा रहे हैं.
सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की मुफ्त में होगी जांच, जानें कौन सी
उत्तर प्रदेश में रक्त गुणवत्ता बढ़ाने शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की निशुल्क जांच की जा रही है. वहीं प्रदेश के तीन सरकारी अस्पतालों में मरीजों को एडवांस फ्री ट्रांसफ्यूजन की भी सुविधा मुहैया कराई जा रही है.
लखनऊ: रक्त में गुणवत्ता वृद्धि करने व शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है. यह जानकारी रविवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने दी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की निशुल्क जांच की जा रही है और उनका इलाज किया जा रहा है.
मरीजों को एडवांस फ्री ट्रांसफ्यूजन की सुविधा
प्रदेश सरकार द्वारा लोगों में रक्त गुणवत्ता वृद्धि करने व शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार द्वारा इसके लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को निशुल्क रक्त उपलब्ध कराए जा रहा हैं. भर्ती मरीजों में रक्त की गुणवत्ता विधि के अंतर्गत प्रदेश के तीन चिकित्सा अस्पतालों में लोगों को एडवांस फ्री ट्रांसफ्यूजन की सुविधा दी जा रही है. इनमें अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज, जीएसवीएम कानपुर व राजधानी का केजीएमयू शामिल है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश के 6 अस्पतालों के ब्लड बैंकों में यह सुविधा जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी. इनमें लखनऊ के भी तीन अस्पतालों को शामिल किया गया है. जिसमें एसजीपीजीआइएमएस, आरएमएलआईएमएस व सिविल अस्पताल है. इसके अलावा कानपुर का यूएचएम, आगरा मेडिकल कॉलेज और वाराणसी के बीएचयू को चिन्हित किया गया है.
27 केंद्रों पर हीमोफीलिया प्रबंधन की निशुल्क सुविधा
उन्होंने बताया कि रक्त की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रदेश के 14 केंद्रों पर थैलेसीमिया प्रबंधन और 27 केंद्रों पर हिमोफीलिया प्रबंधन की निशुल्क सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है. 8 केंद्रों में हाई परफारमेंस लिक्विड क्रोमेटोग्राफी उपकरण की स्थापना के द्वारा हीमोग्लोबिन वैरियंट की जांच भी जा रही है. इसके साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान से प्रदेश भर में रक्त संग्रह बढ़ने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मंडल स्तर पर रक्त कलेक्शन किया जा रहा है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी रक्तदान शिविर लगाए जा रहे हैं.