लखनऊ: जिले में महिला जालसाज ने गोमतीनगर विस्तार के नरेंद्र पाल से दरोगा की नौकरी दिलवाने के नाम पर 20 लाख हड़प लिए. महिला जालसाज खुद को खुद को सचिवालय कर्मचारी बताती थी. पीड़ित नरेंद्र पाल ने थाने में केस दर्ज करवाया है.
गोमतीनगर विस्तार थाना प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, सरस्वती अर्पाटमेंट में रहने वाले नरेंद्र पाल का आरोप है कि "साल 2016 के पहले उनकी मुलाकात मेरठ निवासी मंजू चौहान से हुई थी. उसने खुद को सचिवालय कर्मचारी बताया और नरेंद्र से कहा की दरोगा की भर्ती आ रही हैं. किसी की नौकरी लगवानी हो तो बता देना. इस पर नरेंद्र ने अपने दामाद मोहित कुमार की नौकरी लगवाने के की बात कही."
20 लाख खर्च होने की बात कही
मंजू ने 20 लाख रुपये खर्च होने की बात कही. नरेंद्र ने 20 लाख रुपये मंजू को दे दिए. इसके बाद मंजू ने जॉइनिंग लेटर भी दे दिया. इस दौरान नरेंद्र को ठगी का अहसास हुआ तो पता लगाया कि मंजू सचिवालय में है या नहीं. बाद में पता चला कि मंजू सचिवालय की कर्मचारी नहीं है. इसके बाद नरेंद्र ने मंजू को फोन मिलाया लेकिन, फोन बंद था. इसके बाद उसने थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस मामले की जांच कर रही है. महिला जालसाज मंजू सिंह चौहान का मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाया गया है.
दारोगा की नौकरी दिलाने के नाम पर महिला ने ठगे 20 लाख रुपए - दारोगा की नौकरी के नाम पर ठगी
लखनऊ में महिला जालसाज ने एक युवक से नौकरी दिलवाने के नाम पर 20 लाख हड़प लिए. महिला जालसाज खुद को सचिवालय की कर्मचारी बताकर लोगों को ठगती थी.
लखनऊ: जिले में महिला जालसाज ने गोमतीनगर विस्तार के नरेंद्र पाल से दरोगा की नौकरी दिलवाने के नाम पर 20 लाख हड़प लिए. महिला जालसाज खुद को खुद को सचिवालय कर्मचारी बताती थी. पीड़ित नरेंद्र पाल ने थाने में केस दर्ज करवाया है.
गोमतीनगर विस्तार थाना प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, सरस्वती अर्पाटमेंट में रहने वाले नरेंद्र पाल का आरोप है कि "साल 2016 के पहले उनकी मुलाकात मेरठ निवासी मंजू चौहान से हुई थी. उसने खुद को सचिवालय कर्मचारी बताया और नरेंद्र से कहा की दरोगा की भर्ती आ रही हैं. किसी की नौकरी लगवानी हो तो बता देना. इस पर नरेंद्र ने अपने दामाद मोहित कुमार की नौकरी लगवाने के की बात कही."
20 लाख खर्च होने की बात कही
मंजू ने 20 लाख रुपये खर्च होने की बात कही. नरेंद्र ने 20 लाख रुपये मंजू को दे दिए. इसके बाद मंजू ने जॉइनिंग लेटर भी दे दिया. इस दौरान नरेंद्र को ठगी का अहसास हुआ तो पता लगाया कि मंजू सचिवालय में है या नहीं. बाद में पता चला कि मंजू सचिवालय की कर्मचारी नहीं है. इसके बाद नरेंद्र ने मंजू को फोन मिलाया लेकिन, फोन बंद था. इसके बाद उसने थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस मामले की जांच कर रही है. महिला जालसाज मंजू सिंह चौहान का मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाया गया है.