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कंपनी ने विदेश भेजने के नाम पर की करोड़ों की ठगी

राजधानी में साइबर जालसाजों का मकड़जाल फैलता जा रहा है. जालसाजों ने विदेश भेजने के नाम पर कई प्रदेशों के युवकों को अपने झांसे में लेकर उनसे दो करोड़ से अधिक रुपये ठग लिए. जानकारी होने पर पीड़ितों ने थाने में शिकायती पत्र दिया.

युवकों से ठगी.
युवकों से ठगी.
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Published : Mar 7, 2021, 7:18 PM IST

लखनऊ: राजधानी में साइबर जालसाजों का मकड़जाल फैलता जा रहा है. जालसाजों ने अपना नेटवर्क फैलाने के लिए अखबारों को भी अपना जरिया बनाकर लोगों को शिकार बनाया. ऐसा ही एक मामला गाजीपुर थाना क्षेत्र में देखने को मिला है. इन जालसाजों ने विदेश भेजने के लिए एक विज्ञापन दिया था. इसको देखते हुए बिहार, अम्बेडकरनगर, झारखंड के रहने वालों ने उन नंबरों पर सम्पर्क किया. इसके बाद युवकों ने जालसाजों के खातों में मनमुताबिक रुपये जमाकर दिए. साथ ही 24 से अधिक युवकों ने अपना पासपोर्ट भी जालसाज के हाथ में दे दिया. जब खुद के साथ हुई ठगी की जानकारी हुई, तो उन्होंने कार्यालय पहुंचकर पुलिस को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई.

युवकों से ठगी.
50 से अधिक लोगों से की ठगी

ठगी के शिकार रघुवन चौहान, हवलदार, लालू प्रसाद, लखन कुमार, कन्हैया, टिंकू, बृजलाल और अखिलेश कुमार ने पुलिस को लिखित शिकायत की. इन लोगों ने बताया है कि एशिया इंटरप्राइजेज नाम से कंपनी चला रहे डायरेक्टर ज़ुबैर खान और मैन पावर के पद पर तैनात पवन कुमार ने इन सभी के साथ ही 50 से अधिक लोगों को अपने झांसे में लेकर हर आदमी से 50 हजार रुपये अपने खाते में जमा करवाए. इसके बाद ही सभी के पासपोर्ट जमा करवाने के साथ ही सभी को वॉट्सएप के जरिए फर्जी वीजा भेज दिया गया, जिसकी फ्लाइट सोमवार की बताई गई है. पीड़ितों ने बताया कि जालसाज अब तक 2 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं. आज सभी को कोरोना जांच के लिए लखनऊ के गाजीपुर इलाके में स्थित कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन जालसाज खुद ही रफूचक्कर हो गए. पीड़ितों ने थाने पहुंचकर लिखित शिकायती पत्र दिया है.

पढ़ें: मेडिकल कोर्स में दाख़िला दिलाने के नाम पर ठगी का पर्दाफास, सरगना समेत 3 गिरफ्तार

गाजीपुर इंस्पेक्टर ने दी जानकारी

गाजीपुर इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि एक मामला संज्ञान में आया है. लोगों ने एक शिकायती पत्र दिया है. इसमें बताया गया कि पॉलिटेक्निक चौराहे पर एक एशिया इंटरप्राइजेज नाम से एक ऑफिस खुला हुआ है. इसमें इन सभी लोगों ने विदेश जाने के नाम पर पैसे दिए थे और पासपोर्ट भी जमा किया था. आरोप है कंपनी का डायरेक्टर ऑफिस बंद करके रफूचक्कर हो गया है. फिलहाल, इस मामले पर जांच की जा रही है. जांच के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ: राजधानी में साइबर जालसाजों का मकड़जाल फैलता जा रहा है. जालसाजों ने अपना नेटवर्क फैलाने के लिए अखबारों को भी अपना जरिया बनाकर लोगों को शिकार बनाया. ऐसा ही एक मामला गाजीपुर थाना क्षेत्र में देखने को मिला है. इन जालसाजों ने विदेश भेजने के लिए एक विज्ञापन दिया था. इसको देखते हुए बिहार, अम्बेडकरनगर, झारखंड के रहने वालों ने उन नंबरों पर सम्पर्क किया. इसके बाद युवकों ने जालसाजों के खातों में मनमुताबिक रुपये जमाकर दिए. साथ ही 24 से अधिक युवकों ने अपना पासपोर्ट भी जालसाज के हाथ में दे दिया. जब खुद के साथ हुई ठगी की जानकारी हुई, तो उन्होंने कार्यालय पहुंचकर पुलिस को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई.

युवकों से ठगी.
50 से अधिक लोगों से की ठगी

ठगी के शिकार रघुवन चौहान, हवलदार, लालू प्रसाद, लखन कुमार, कन्हैया, टिंकू, बृजलाल और अखिलेश कुमार ने पुलिस को लिखित शिकायत की. इन लोगों ने बताया है कि एशिया इंटरप्राइजेज नाम से कंपनी चला रहे डायरेक्टर ज़ुबैर खान और मैन पावर के पद पर तैनात पवन कुमार ने इन सभी के साथ ही 50 से अधिक लोगों को अपने झांसे में लेकर हर आदमी से 50 हजार रुपये अपने खाते में जमा करवाए. इसके बाद ही सभी के पासपोर्ट जमा करवाने के साथ ही सभी को वॉट्सएप के जरिए फर्जी वीजा भेज दिया गया, जिसकी फ्लाइट सोमवार की बताई गई है. पीड़ितों ने बताया कि जालसाज अब तक 2 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं. आज सभी को कोरोना जांच के लिए लखनऊ के गाजीपुर इलाके में स्थित कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन जालसाज खुद ही रफूचक्कर हो गए. पीड़ितों ने थाने पहुंचकर लिखित शिकायती पत्र दिया है.

पढ़ें: मेडिकल कोर्स में दाख़िला दिलाने के नाम पर ठगी का पर्दाफास, सरगना समेत 3 गिरफ्तार

गाजीपुर इंस्पेक्टर ने दी जानकारी

गाजीपुर इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि एक मामला संज्ञान में आया है. लोगों ने एक शिकायती पत्र दिया है. इसमें बताया गया कि पॉलिटेक्निक चौराहे पर एक एशिया इंटरप्राइजेज नाम से एक ऑफिस खुला हुआ है. इसमें इन सभी लोगों ने विदेश जाने के नाम पर पैसे दिए थे और पासपोर्ट भी जमा किया था. आरोप है कंपनी का डायरेक्टर ऑफिस बंद करके रफूचक्कर हो गया है. फिलहाल, इस मामले पर जांच की जा रही है. जांच के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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