लखनऊ : शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन सोमवार को कथाचार्य स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने भगवान शिव जी की महिमा का व्याख्यान करते हुए बताया कि 'मनुष्य के उद्धार के लिए धर्म और ज्ञान से बड़ा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. धर्म को न मानने वाले लोग अधर्मी और अशुद्ध होते हैं.'
लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित एक बैंक्विट हॉल में शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा के चौथे दिन सोमवार को कथाचार्य स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने धर्म और ज्ञान से जुड़ी हुई बातों से भक्तों को अवगत कराया और कहा कि 'इस भूतल पर कल्याण के लिए इस कथा से उत्तम दूसरा कोई साधन नहीं है. उन्होंने कहा कि इस महापुराण के पठन अथवा ज्ञान से अवश्य ही पापी, दुराचारी लोग शुद्ध हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ प्राचीन इतिहास का वर्णन मुनियों ने कुछ इस प्रकार से दिया है, जिसके श्रवण या पठन से पापों का संपूर्ण नाश हो जाता है.'
कथाचार्य स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने बताया कि 'भगवान शिव की आराधना मनुष्य को मोक्ष प्रदान करती है. इसलिए समस्त मानव जाति को भगवान शिव की निर्मल मन से उपासना करनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि 'पार्वती जी ने भगवान शिव से कहा कि आप परम तत्व के बारे में अवगत करवाएं. जिसकी शरण में जानें से मुक्ति मिल जाती हो. कथाचार्य में बताया कि पार्वती जी की बात सुनकर भगवान शिव बोले कि हे देवी विज्ञान ही परम तत्व है और यह विज्ञान मनुष्य के अंतर्मन में ही विराजमान रहता है. मगर आज का इंसान सांसारिक मोह माया में उलझा हुआ है, जिसकी वजह से वो जीवन काल तक इधर से उधर भटकता रहता है.'
कार्यक्रम का संचालन चंद्रकांत द्विवेदी, नीलम द्विवेदी, शिवम द्विवेदी और शुभम द्विवेदी द्वारा किया जा रहा है. शिव पार्वती की कथा सुनने के लिए कई श्रोता वहां पर शामिल हुए.