लखनऊ: राजधानी लखनऊ में आलमबाग, चारबाग और कैसरबाग बस स्टेशन के बाद एक नया बस स्टेशन गोमतीनगर में कमता बस अड्डे के रूप में लगभग बनकर तैयार है. 15 जनवरी से इस नए बस स्टेशन से बसों का संचालन शुरू कराए जाने की तैयारी है. तय समय से पहले बस स्टेशन के निर्माण कार्य से लेकर ऑपरेशन तक की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुधवार को परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह, परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर रोडवेज अफसरों के साथ बस स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने तय समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए.
सीएम योगी और परिवहन मंत्री करेंगे शुभारंभ
कमता बस स्टेशन से लगभग 400 बसों का संचालन होना है. 15 जनवरी से पूर्वांचल की तरफ जाने वाली ज्यादातर बसें कैसरबाग और चारबाग बस स्टेशन से रवाना होने के बजाय कमता बस स्टेशन से रवाना होंगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन मंत्री अशोक कटारिया इस नए-नए बस स्टेशन का शुभारंभ करेंगे. मंत्री के हरी झंडी दिखाते ही यहां से बसों का आवागमन शुरू हो जाएगा.
लोगों को जाम से मिलेगा निजात
इस बस स्टेशन के शुरू होने से बसों के शहर के अंदर प्रवेश न करने पर तकरीबन आठ किलोमीटर तक की दूरी कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को तो कम किराए का फायदा मिलेगा ही, शहरवासियों को भी बड़ा फायदा होगा. वजह है कि बसों के कारण शहर के अंदर जाम की जो स्थिति पैदा होती है, उससे काफी हद तक निजात मिल सकेगी.
तीन जनवरी से परिवहन निगम ने 10 पैसे प्रति किलोमीटर किराए में बढ़ोतरी कर दी है. पूर्वांचल की तरफ जाने वाले यात्रियों को अगर बसें कैसरबाग बस स्टेशन से चलतीं तो अतिरिक्त किराया चुकाना पड़ता, लेकिन आठ किलोमीटर तक की दूरी कम होने के चलते उन पर किराए का कम भार पड़ेगा. वाया सीतापुर होकर दिल्ली जाने वाली बसें हों या फिर बाराबंकी, गोरखपुर, बस्ती, देवरिया, बहराइच, गोंडा, अम्बेडकनगर और फैजाबाद की तरफ जाने वाली बसें, सभी कमता बस स्टेशन से ही संचालित की जाएंगी.
75 प्रतिशत काम हो चुका है पूरा
कमता बस स्टेशन का करीब 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. शेष काम भी तय समय के अंदर समाप्त कर लिया जाएगा. उम्मीद है कि 15 जनवरी से कमता स्टेशन से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा. बुधवार को प्रमुख सचिव परिवहन ने भी बस स्टेशन का निरीक्षण किया. बसों का संचालन शुरू होने के बाद जो थोड़ा बहुत काम बचेगा, वह भी साथ ही चलता रहेगा. यात्रियों को बस स्टेशन पर बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. शहर के अंदर से बसों का संचालन कम होने से जाम की समस्या भी खत्म हो जाएगी.
यात्रियों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
नए कमता बस स्टेशन पर यात्रियों को वे सभी सुविधाएं मिलेंगी, जो अत्याधुनिक बस स्टेशनों पर अभी तक परिवहन निगम की तरफ से उपलब्ध हैं. इनमें चाहे कैसरबाग बस स्टेशन हो या फिर आलमबाग बस स्टेशन, सभी पर यात्रियों की दृष्टि से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं.
इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा कैसरबाग बस स्टेशन
वहीं दशकों पहले उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की स्थापना के समय ही राजधानी का कैसरबाग बस स्टेशन भी स्थापित हुआ था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश का पहला वातानुकूलित कैसरबाग बस स्टेशन इसी साल रोडवेज के इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर रह जाएगा. दरअसल, इसी साल कैसरबाग बस स्टेशन को पूरी तरह से खत्म करने का प्लान बन रहा है. जानकीपुरम बस स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू कराकर कैसरबाग बस स्टेशन से संचालित होने वाली सभी बसों को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसके बाद कैसरबाग बस स्टेशन का सिर्फ नाम रह जाएगा, काम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
2016 में बना था पहला एसी स्टेशन
वैसे तो ए ग्रेड की श्रेणी में शुमार कैसरबाग बस स्टेशन का निर्माण परिवहन निगम की स्थापना के समय ही हुआ था, लेकिन वर्ष 2016 में यह बस स्टेशन प्रदेश का पहला एसी बस स्टेशन बनाया गया. अभी इस खूबसूरत कैसरबाग बस स्टेशन को अत्याधुनिक हुए 4 साल भी पूरे नहीं हुए कि इसका नामोनिशान मिटाने का प्लान तैयार हो गया है. इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि शहर में बीचोबीच यह बस स्टेशन स्थापित है जिससे सैकड़ों बसें शहर के अंदर आती हैं और ये जाम का सबब बनती हैं. अफसरों को लगता है कि यहां से अगर यह बस स्टेशन ही शिफ्ट हो जाए तो शहर का जाम खत्म हो जाएगा.
लोक निर्माण विभाग ने जानकीपुरम में रोडवेज को बस स्टेशन निर्माण के लिए जमीन भी मुहैया कराई है. ऐसे में यहां पर इसी साल निर्माण कार्य शुरू कराकर कैसरबाग बस स्टेशन को जानकीपुरम में शिफ्ट करने की योजना है. परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर से इसके लिए विचार-विमर्श भी किया है.
जानकीपुरम बस स्टेशन में किया जाएगा शिफ्ट
उन्होंने तो यहां तक कहा है कि जून में होने वाले रोडवेज के स्थापना दिवस से पहले ही कैसरबाग बस स्टेशन को जानकीपुरम बस स्टेशन का निर्माण कराकर शिफ्ट कर दिया जाए. हालांकि एमडी की तरफ से प्रमुख सचिव को यह जरूर बताया गया कि जून माह तक नए बस स्टेशन का निर्माण हो पाना मुश्किल होगा, लेकिन साल के आखिर तक नया बस स्टेशन बनकर तैयार हो जाएग. जिसके बाद कैसरबाग को वहां शिफ्ट किया जा सकता है. इसका सीधा सा मतलब है कि साल के आखिर तक हर हाल में कैसरबाग बस स्टेशन से बसों का संचालन बंद हो जाएगा और यह बस स्टेशन सिर्फ रोडवेज के इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर रह जाएगा.
अभी से कैसरबाग बस स्टेशन को खत्म करने की शुरुआत हो चुकी है. वर्तमान में इस बस स्टेशन से 1200 बसें संचालित होती हैं. इनमें से 15 जनवरी से शुरू होने वाले कमता बस स्टेशन पर 400 बसें शिफ्ट कर दी जाएंगी. जिसके बाद कैसरबाग के पास बसों की संख्या 800 रह जाएगी. इसी साल के अंत तक जानकीपुरम बस स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सभी 800 बसें जानकीपुरम बस स्टेशन पर शिफ्ट कर कैसरबाग बस स्टेशन का नामोनिशान खत्म कर दिया जाएगा.
लखनऊ चूंकि राजधानी है और कैसरबाग बस स्टेशन सिटी के बीचोंबीच स्थित है, ऐसे में हर जिले से यहां पर बड़े और छोटे वाहन आते हैं. जिसके चलते यहां पर जाम की स्थिति रहती है और छोटी-छोटी दुर्घटनाएं भी होने की संभावना बनी रहती है. इसलिए कैसरबाग बस स्टेशन से बसें कम की जा रही हैं. अभी हमने कमता बस स्टेशन पर 400 बसें शिफ्ट की हैं. कैसरबाग से 1200 से 1400 बसें चलती हैं. इसी दिशा में जानकीपुरम बस स्टेशन से शेष सात से आठ सौ बसें चलाई जाएंगी, जिससे शहर में जाम खत्म हो जाएगा और जो प्रदूषण बसों से फैलता है, उसमें भी कमी आएगी. इसलिए कैसरबाग बस स्टेशन से बसें शिफ्ट की जा रही हैं.
- डॉ. राजशेखर, एमडी, ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन