लखनऊ: राजधानी लखनऊ से फर्जी मार्कशीट का धंधा करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते प्रमुख पदों पर कार्य करने वाले चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है उनमें से एक कर्मचारी नायाब हुसैन पुलिस की गिरफ्त में है.
- जानकीपुरम निवासी सौरव यादव नाम के युवक की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नायब हुसैन को गिरफ्तार किया है.
- इसके पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद हुई है.
- जिन कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित किया है, उनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थीं.
- इससे पहले भी लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे को लेकर सवाल उठ चुके हैं.
- एसटीएफ में भी लखनऊ विश्वविद्यालय में छापेमारी की है.
- पुलिस ने बताया है कि जालसाज डेढ़ लाख रुपए प्रति सेमेस्टर के हिसाब से पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराते थे.
निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक बीए द्वितीय वर्ष, जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक डिग्री सेक्शन में समायोजित थे वहीं नायाब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर तैनात थे. जांच कमेटी की जांच के नतीजे अभी तक सामने नहीं आ सके थे कि पहले ही एक छात्र की शिकायत पर लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे का खुलासा हुआ है.
सौरभ यादव की शिकायत पर जब पुलिस ने आरोपी नायाब हुसैन से पूछताछ की तो उसने अपने साथ अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की बात स्वीकारी है. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं इन कर्मचारियों की अलमारी को भी सीज कर दिया गया है. पुलिस की रिपोर्ट से साबित होता है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट का एक बड़ा गिरोह चल रहा था.