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लखनऊ: फर्जी मार्कशीट बनाने के आरोप में लखनऊ विश्वविद्यालय के 4 कर्मचारी निलंबित

लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट बनाए जाने का मामला सामने आया है. विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते हुए चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. इसमें शामिल सभी कर्मचारी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत थे. उनमें से एक कर्मचारी नायाब हुसैन पुलिस की गिरफ्त में है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के 4 कर्मचारी निलंबित.
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Published : Apr 20, 2019, 11:27 AM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ से फर्जी मार्कशीट का धंधा करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते प्रमुख पदों पर कार्य करने वाले चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है उनमें से एक कर्मचारी नायाब हुसैन पुलिस की गिरफ्त में है.

  • जानकीपुरम निवासी सौरव यादव नाम के युवक की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नायब हुसैन को गिरफ्तार किया है.
  • इसके पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद हुई है.
  • जिन कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित किया है, उनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थीं.
  • इससे पहले भी लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे को लेकर सवाल उठ चुके हैं.
  • एसटीएफ में भी लखनऊ विश्वविद्यालय में छापेमारी की है.
  • पुलिस ने बताया है कि जालसाज डेढ़ लाख रुपए प्रति सेमेस्टर के हिसाब से पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराते थे.

निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक बीए द्वितीय वर्ष, जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक डिग्री सेक्शन में समायोजित थे वहीं नायाब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर तैनात थे. जांच कमेटी की जांच के नतीजे अभी तक सामने नहीं आ सके थे कि पहले ही एक छात्र की शिकायत पर लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे का खुलासा हुआ है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के 4 कर्मचारी निलंबित.

सौरभ यादव की शिकायत पर जब पुलिस ने आरोपी नायाब हुसैन से पूछताछ की तो उसने अपने साथ अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की बात स्वीकारी है. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं इन कर्मचारियों की अलमारी को भी सीज कर दिया गया है. पुलिस की रिपोर्ट से साबित होता है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट का एक बड़ा गिरोह चल रहा था.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ से फर्जी मार्कशीट का धंधा करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते प्रमुख पदों पर कार्य करने वाले चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है उनमें से एक कर्मचारी नायाब हुसैन पुलिस की गिरफ्त में है.

  • जानकीपुरम निवासी सौरव यादव नाम के युवक की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नायब हुसैन को गिरफ्तार किया है.
  • इसके पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद हुई है.
  • जिन कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित किया है, उनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थीं.
  • इससे पहले भी लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे को लेकर सवाल उठ चुके हैं.
  • एसटीएफ में भी लखनऊ विश्वविद्यालय में छापेमारी की है.
  • पुलिस ने बताया है कि जालसाज डेढ़ लाख रुपए प्रति सेमेस्टर के हिसाब से पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराते थे.

निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक बीए द्वितीय वर्ष, जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक डिग्री सेक्शन में समायोजित थे वहीं नायाब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर तैनात थे. जांच कमेटी की जांच के नतीजे अभी तक सामने नहीं आ सके थे कि पहले ही एक छात्र की शिकायत पर लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे का खुलासा हुआ है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के 4 कर्मचारी निलंबित.

सौरभ यादव की शिकायत पर जब पुलिस ने आरोपी नायाब हुसैन से पूछताछ की तो उसने अपने साथ अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की बात स्वीकारी है. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं इन कर्मचारियों की अलमारी को भी सीज कर दिया गया है. पुलिस की रिपोर्ट से साबित होता है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट का एक बड़ा गिरोह चल रहा था.

Intro:एंक लखनऊ। उत्तर प्रदेश में फर्जी मार्कशीट का खेल किसी से छिपा हुआ नहीं है लेकिन इस खेल के तार राजधानी लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय से भी जुड़े होंगे इसके बारे में किसी ने सोचा नहीं होगा। राजधानी लखनऊ से फर्जी मार्कशीट का धंधा करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने कार्यवाही करते प्रमुख पदों पर कार्य करने वाले चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है उनमें से एक कर्मचारी नायाब हुसैन पुलिस की गिरफ्त में है। वियो 1 जानकीपुरम निवासी सौरव यादव नाम के युवक की शिकायत पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए नायब हुसैन को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद हुई है जिन कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित किया है उनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थी निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक बीए द्वितीय वर्ष, जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक डिग्री सेक्शन में समायोजित थे वहीं नायाब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर तैनात थे।


Body:विवो किसी को अंदाजा नहीं था कि लखनऊ विश्वविद्यालय में इतने बड़े पैमाने पर फर्जी मार्कशीट बनाने का गोरख धंधा होता होगा हालांकि यह पहली बार नहीं है जब लखनऊ विश्वविद्यालय सवालों के घेरे में है। इससे पहले भी लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे को लेकर सवाल उठ चुके हैं लखनऊ विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से बातचीत करने पर सामने आया है की पहले भी लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट को लेकर सवाल खड़े हुए थे। जिसके बाद एक कमेटी बनाकर फर्जी मार्कशीट के धंधे को लेकर जांच भी की गई थी। यहां तक एसटीएफ में भी लखनऊ विश्वविद्यालय में छापेमारी की है। जांच कमेटी की जांच के नतीजे अभी तक सामने नहीं आ सके थे कि पहले ही एक छात्र की शिकायत पर लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के धंधे का खुलासा हुआ है। सौरभ यादव की शिकायत पर जब पुलिस ने आरोपी नायाब हुसैन से पूछताछ की तो उसने अपने साथ अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की बात स्वीकारी है। जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जहां एक और चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है तो वहीं इन कर्मचारियों की अलमारी को भी सीज कर दिया गया है जिसमें जरूरी दस्तावेज रखे हुए हैं पुलिस ने यूनिवर्सिटी को भेजी रिपोर्ट पुलिस सक्रियता दिखाते हुए जालसाज के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है पुलिस ने अपनी कार्यवाही की एक रिपोर्ट बनाकर लखनऊ विश्वविद्यालय को दे दी है जिसमें पुलिस ने बताया है कि जालसाज डेढ़ लाख रुपए प्रति सेमेस्टर के हिसाब से पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराते थे पुलिस की रिपोर्ट से साबित होता है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट का एक बड़ा गिरोह चल रहा था। संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26


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