लखनऊ: राजधानी लखनऊ में एलडीए के खाली पड़े करीब 4000 फ्लैट को बेचने की जिम्मेदारी अभियंताओं को दी गई है. यह जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी अभिषेक प्रकाश ने अभियंताओं को दी. अभियंताओं ने अपार्टमेंट की साइट पर जाकर लोगों को फ्लैट दिखाने और पंजीकरण कराने का काम शुरू कर दिया है. वहीं इस काम में अभियंताओं के सामने कई तरह की समस्या भी सामने आ रही है. जिन अपार्टमेंट में फ्लैट बेचने हैं. वहां पर भियंताओं की ड्यूटी लगाई है, लेकिन वहां पर न बैठने की व्यवस्था है और न ही किसी अन्य प्रकार की सुविधा है.
फ्लैट बेचने की जिम्मेदारी नहीं आ रही है रास
ऐसे में अभियंताओं को यह जिम्मेदारी रास नहीं आ रही है. जोन वार अधिशासी अभियंता से लेकर सहायक अभियंता तक को यह जिम्मेदारी दी गई है. करीब 12 फ्लैट बेचने के लिए अभियंताओं ने इच्छुक लोगों का पंजीकरण भी कराया है लेकिन तमाम तरह की खामियों का भी वह लोग सामना कर रहे हैं.
चार हजार फ्लैट खाली, नहीं मिल रहे खरीदार
राजधानी लखनऊ की कई योजनाओं में बनाए गए अपार्टमेंट में करीब 4000 फ्लैट खाली है, लेकिन इन फ्लैट की कीमत काफी अधिक होने की वजह से एलडीए को इनके खरीदार नहीं मिल रहे हैं. ऐसी स्थिति में अब एलडीए वीसी अभिषेक प्रकाश ने फ्लैट को बेचने की जिम्मेदारी अभियंताओं को दी है और सबका टारगेट भी फिक्स किया है.
पहले आओ, पहले पाओ की है योजना
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इन फ्लैट्स को बेचने के लिए पहले आओ, पहले पाओ की योजना पिछले काफी समय से शुरू की है. जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति फ्लैट को देखकर उसे पसंद आने पर खरीद सकता है. अब लॉटरी सिस्टम से बेचने की सुविधा नहीं है. फ्लैट पसंद आने पर इच्छुक व्यक्ति अपना फ्लैट पंजीकरण शुल्क देकर उसे खरीद सकता है.
15 से 20 फीसद तक की मिल रही छूट
यही नहीं विकास प्राधिकरण फ्लैट खरीदने वालों को 15 से 20 फीसद की छूट भी देने की बात कही है, लेकिन फिलहाल एलडीए को इन फ्लैट के खरीदार ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. इसकी वजह बताई जा रही है कि निजी बिल्डर और निजी टाउनशिप वाली योजनाओं की तुलना में एलडीए अपार्टमेंट के फ्लैट काफी महंगे हैं.