लखनऊ: 35 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे (Ganga Expressway) का शिलान्यास पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) के लोकार्पण के बाद होगा. देश का यह सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे होगा, जोकि प्रयागराज से मेरठ तक का होगा. इसके लिए निर्माण शुरू किए जाने की सरकार की ओर से हरी झंडी दिखा दी गई है.
इन जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे
एक्सप्रेस वे की प्रस्तावित लम्बाई 594 किमी है. मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज के जुडापुर दांदू ग्राम तक जाएगा. इस एक्सप्रेस वे से कुल 12 जिले मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जुड़ेंगे. 519 गांव से होकर एक्सप्रेस वे गुजरेगा. कुल लागत 36,230 करोड़ रुपये है. मेरठ में 15 किमी, हापुड़ में 33, बुलंदशहर में 11, अमरोहा में 26, संभल में 39, बदायूं में 92, शाहजहांपुर में 40, हरदोई में 99, उन्नाव में 105, रायबरेली में 77, प्रतापगढ़ में 41 व प्रयागराज में 16 किमी एक्सप्रेस का सफर होगा. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को यह उन्नाव के नजदीक जोड़ेगा.
120 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेंगे वाहन
गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण छह लेन (8 लेन में विस्तार संभव) का प्रस्तावित किया गया है. चौड़ाई 120 मीटर होगी. डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रति घंटा, जन सुविधा परिसर नौ, मुख्य टोल प्लाजा दो मेरठ एवं प्रयागराज में, रैम्प टोल प्लाजा 15 प्रस्तावित किये गये हैं.
गंगा और रामगंगा पर बनेंगे लंबे पुल
गंगा पर लगभग 960 मीटर एवं रामगंगा पर लगभग 720 मीटर लंबाई के पुल बनाए जाएंगे. शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी भी प्रस्तावित की गई है. परियोजना के अंतर्गत 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 929 कलवर्ट्स, सात आरओबी, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 154 एसवीयूपी, 28 फ्लाईओवर्स, दो ट्रम्पेट, सात डबल ट्रम्पेट, 08 डायमंड इंटरचेन्ज, 09 वे साइड एमेनिटीज तथा 17 नोड डेवलपमेंट प्रस्तावित किये गये हैं.
निर्माण लागत टोल वसूली से निकालेगी सरकार
बैठक में यह भी बताया गया कि परियोजना अन्तर्गत पीपीपी (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट एण्ड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) पद्धति पर आमंत्रित ईओआई में 11 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित निवेशकों ने प्रतिभाग किया है. निर्माण 12 पैकेज को चार ग्रुप (01 ग्रुप में 03 पैकेज) विभाजित करते हुए पीपीपी मोड पर किया जाएगा.
यूपीडा के जनसम्पर्क अधिकारी दुर्गेश उपाध्याय ने बताया कि अभी टेंडर प्रक्रिया जारी है, जिसके पूरा होने में कम से कम एक माह का समय लगेगा. जिसके बाद शिलान्यास होगा.