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पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर का छलका दर्द, कोर्ट से कहा: पुलिस वाहन में उनके मुंह पर फूंकी जाती है सिगरेट - bsp mp atul rai

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का छलका दर्द. कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर अवगत कराया. जेल जाते समय पुलिस वाहन में मुंह पर सिगरेट का धुंआ फूंका जाता है.

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर का छलका दर्द
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर का छलका दर्द
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Published : Dec 9, 2021, 9:59 PM IST

लखनऊः बीएसपी सांसद अतुल राय पर दुराचार का आरोप लगाने वाली युवती और उसके गवाह के आत्मदाह के मामले में निरुद्ध पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया है.

कोर्ट को बताया है कि जेल से कोर्ट लाते समय पुलिस वाहन में उनके साथ दूसरे बंदियों द्वारा अभद्रता की जाती है. कुछ अंडरट्रायल बंदी तो उनके मुंह पर सिगरेट का धुंआ तक फूंका करते हैं. उन्होंने कहा है कि मना करने पर उनके साथ प्रतिहिंसा होने का डर होता है.

अमिताभ ठाकुर ने यह शिकायत करते हुए अपने प्रार्थना पत्र में अलग वाहन में खुद को कोर्ट लाने की मांग की. हालांकि अमिताभ ठाकुर के प्रार्थना पत्र पर सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा रिपोर्ट भेजकर कहा गया कि यूपी प्रिजिनर्स रूल्स के मुताबिक अगर कोई कैदी अपने वाहन से सुरक्षा की दृष्टि से एस्कॉर्ट सहित आता है, तब ऐसी स्थिति में अभियोजन अधिकारी द्वारा अनुमति दे देनी चाहिए. इसके अतिरिक्त वीडियो कॉंफ्रेंस से भी वह पेश हो सकता है. इस सम्बंध में जिला पुलिस प्रशासन से किसी कार्रवाई की उम्मीद न की जाए.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी कैण्ट रेलवे स्टेशन पर 2 करोड़ से ज्यादा का सोना बरामद, तस्कर गिरफ्तार

इस पर अमिताभ ठाकुर का कहना था कि वह अपने खर्चे से वाहन करने में असमर्थ हैं और वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से वह अपने मुकदमे की प्रभावी पैरवी नहीं कर सकते.
उक्त प्रार्थना पत्र पर जनपद न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्र ने आदेश दिया कि बंदियों को सुरक्षित लाने की जिम्मेदारी पुलिस की है. लिहाजा यह सुनिश्चित किया जाय कि अमिताभ ठाकुर के साथ बंदी वाहन में कोई दुर्व्यहार न हो. इसके साथ ही कोर्ट ने अमिताभ की एक अन्य अर्जी और आरोप पर सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि नियत की है.

लखनऊः बीएसपी सांसद अतुल राय पर दुराचार का आरोप लगाने वाली युवती और उसके गवाह के आत्मदाह के मामले में निरुद्ध पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया है.

कोर्ट को बताया है कि जेल से कोर्ट लाते समय पुलिस वाहन में उनके साथ दूसरे बंदियों द्वारा अभद्रता की जाती है. कुछ अंडरट्रायल बंदी तो उनके मुंह पर सिगरेट का धुंआ तक फूंका करते हैं. उन्होंने कहा है कि मना करने पर उनके साथ प्रतिहिंसा होने का डर होता है.

अमिताभ ठाकुर ने यह शिकायत करते हुए अपने प्रार्थना पत्र में अलग वाहन में खुद को कोर्ट लाने की मांग की. हालांकि अमिताभ ठाकुर के प्रार्थना पत्र पर सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा रिपोर्ट भेजकर कहा गया कि यूपी प्रिजिनर्स रूल्स के मुताबिक अगर कोई कैदी अपने वाहन से सुरक्षा की दृष्टि से एस्कॉर्ट सहित आता है, तब ऐसी स्थिति में अभियोजन अधिकारी द्वारा अनुमति दे देनी चाहिए. इसके अतिरिक्त वीडियो कॉंफ्रेंस से भी वह पेश हो सकता है. इस सम्बंध में जिला पुलिस प्रशासन से किसी कार्रवाई की उम्मीद न की जाए.

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इस पर अमिताभ ठाकुर का कहना था कि वह अपने खर्चे से वाहन करने में असमर्थ हैं और वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से वह अपने मुकदमे की प्रभावी पैरवी नहीं कर सकते.
उक्त प्रार्थना पत्र पर जनपद न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्र ने आदेश दिया कि बंदियों को सुरक्षित लाने की जिम्मेदारी पुलिस की है. लिहाजा यह सुनिश्चित किया जाय कि अमिताभ ठाकुर के साथ बंदी वाहन में कोई दुर्व्यहार न हो. इसके साथ ही कोर्ट ने अमिताभ की एक अन्य अर्जी और आरोप पर सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि नियत की है.

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