लखनऊः पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ में वाद दाखिल किया है. वाद में कहा है कि दरोगा भर्ती परीक्षा 2020-21 की तमाम गड़बड़ियों के सम्बंध में ईको गार्डन में आयोजित सत्याग्रह में जाने से रोकने के लिए रविवार की रात से ही उनके गोमती नगर स्थित आवास पर भारी पुलिस बल लगाकर, उन्हें घर में नज़रबंद कर दिया गया है. अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में दाखिल वाद में उन्होंने लखनऊ पुलिस की कार्रवाई को पूरी तरह अवैध बताते हुए सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की मांग की है.
पूर्व आईपीएस अधिकारी की पत्नी नूतन ठाकुर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अमिताभ ठाकुर ने अपने वाद में कहा कि उन्हें घर से निकलने तक नहीं दिया जा रहा है, लिहाजा वह शपथ पत्र तक नहीं दे पा रहे हैं. नूतन ठाकुर के मुताबिक सीजेएम लखनऊ रवि कुमार गुप्ता ने अमिताभ के अधिवक्ता दीपक कुमार को सुनने के बाद मुकदमे को वाद के रूप में दर्ज करने के आदेश दिया है. कोर्ट ने मंगलवार को केस की पोषणीयता की सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है.
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अमिताभ का आरोप है कि दारोगा परीक्षा से जुड़े तमाम ऐसे तथ्य सामने आये हैं, जो इस पूरी लिखित परीक्षा को बुनियादी तौर पर दूषित तथा त्रुटिपूर्ण बना दे रहे हैं. विभागीय सहयोग से एक संगठित स्वरूप में भ्रष्टाचार, घोटाला, गड़बड़ी एवं अनियमितता की ओर इशारा करते हैं. इसके साथ ही बोर्ड ने हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी आनन-फानन में रिजल्ट घोषित कर दिया, जिसमे तमाम नयी गड़बड़ियां दिखी हैं. अतः उन्होंने इस संबंध में अग्रिम कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के लिए यह महासत्याग्रह बुलाया था.