लखनऊ : आयुष कॉलेजों में छात्रों के एडमिशन में हुए फर्जीवाड़े को लेकर एसटीएफ की जांच में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. जांच में सामने आया है कि दाखिला करने वाले काॅलेजों में एक कॉलेज पूर्व में गिरफ्तार किए जा चुके पूर्व आयुर्वेद निदेशक एसएन सिंह (former director sn singh) का भी था. यूपी एसटीएफ ने इस कॉलेज को अपने रडार में ले लिया है. वहीं एसटीएफ आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकती है. एसटीएफ की मानें तो गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में अभी और फर्जीवाड़े से जुड़े तथ्य सामने आ सकते हैं.
यूपी एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि कौशांबी में पूर्व आर्युवेद निदेशक एसएन सिंह के पिता के नाम से चंद्रशेखर सिंह आयुर्वेदिक डिग्री कॉलेज संचालित किया जा रहा है. एसएन सिंह यहां 2018 से बतौर निदेशक तैनात हैं. एसटीएफ अब इस कॉलेज में बीते कुछ वर्षों में हुए हर छात्र के एडमिशन की पड़ताल कर रही है. इस कॉलेज की सीटें कितने में बेंची गईं इसकी भी जानकारी एसटीएफ जुटा रही है.
एसटीएफ की पड़ताल में पता चला है कि सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए तीन से पांच लाख रुपए लिए जाते थे, जबकि निजी कॉलेजों में दाखिले के लिए यह रेट एक से दो लाख रुपये था. बीते दिनों एसटीएफ इस फर्जीवाड़े में पूर्व निदेशक एसएन सिंह समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
दरअसल, यह पूरा मामला नीट 2021 की परीक्षा से जुड़ा है. आरोप है कि मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी कर कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दे दिया गया था. इस मामले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी. इस दौरान नीट की मेरिट से बाहर रहने वाले छात्रों को भी एडमिशन दे दिया गया था. हैरान कर देने वाली बात यह भी थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को भी अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया था. जांच में सामने आया कि मेरिट में आने वाले छात्रों की जगह पर मेरिट से बाहर रहने वाले तकरीबन 891 छात्रों का नाम, जन्मतिथि और एप्लीकेशन नंबर डालकर एडमिशन दिया गया.
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