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शीला दीक्षित के निधन पर कांग्रेसी नेताओं ने जताया दुख

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Published : Jul 20, 2019, 11:31 PM IST

दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के निधन से पूरे देश में शोक है. उन्नाव में ब्याही शीला दीक्षित पहली बार कन्नौज से चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बनी थीं.

शीला दीक्षित की फाइल फोटो.

लखनऊ: यूपी और दिल्ली की जनता के दिलों पर राज करने वाली और खुद को हमेशा यूपी की बहू कहने वाली दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का शुक्रवार को निधन हो गया. शीला दीक्षित का उत्तर प्रदेश की बहू थीं. उनकी राजनीति का शुभारंभ भी यूपी से ही हुआ. वह तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सभी उनसे सलाह लेते थे.

शीला दीक्षित के निधन से कांग्रेसियों में शोक.


उत्तर प्रदेश के उन्नाव में उनका विवाह हुआ था. कन्नौज से उन्होंने राजनीति में कदम रखा था. 1984 से 1989 तक कन्नौज से ही वह कांग्रेस की सांसद रहीं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में वह कांग्रेस की महामंत्री रहीं. तीन बार वह दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं. दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष की कमान कांग्रेस ने उन्हीं के हाथों सौंपी थी. 2017 के विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाकर पेश किया था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और यूपी की बहू शीला दीक्षित के निधन से सभी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित के साथ उन्होंने काफी काम किया और उनसे बहुत कुछ सीखा. वह बहुत ही अच्छी और सौम्य स्वभाव की नेता थीं.

लखनऊ: यूपी और दिल्ली की जनता के दिलों पर राज करने वाली और खुद को हमेशा यूपी की बहू कहने वाली दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का शुक्रवार को निधन हो गया. शीला दीक्षित का उत्तर प्रदेश की बहू थीं. उनकी राजनीति का शुभारंभ भी यूपी से ही हुआ. वह तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सभी उनसे सलाह लेते थे.

शीला दीक्षित के निधन से कांग्रेसियों में शोक.


उत्तर प्रदेश के उन्नाव में उनका विवाह हुआ था. कन्नौज से उन्होंने राजनीति में कदम रखा था. 1984 से 1989 तक कन्नौज से ही वह कांग्रेस की सांसद रहीं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में वह कांग्रेस की महामंत्री रहीं. तीन बार वह दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं. दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष की कमान कांग्रेस ने उन्हीं के हाथों सौंपी थी. 2017 के विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाकर पेश किया था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और यूपी की बहू शीला दीक्षित के निधन से सभी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित के साथ उन्होंने काफी काम किया और उनसे बहुत कुछ सीखा. वह बहुत ही अच्छी और सौम्य स्वभाव की नेता थीं.

Intro:नहीं रहीं 'मैं यूपी की बहू हूं' कहने वाली शीला दीक्षित, यूपी कांग्रेसियों को आ रही अपनी नेता की याद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश और दिल्ली की जनता के दिलों पर राज करने वाली, खुद को हमेशा यूपी की बहू कहने वाली तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित आज इस दुनिया में नहीं रहीं। शीला दीक्षित का संबंध उत्तर प्रदेश से हर तरह का रहा है। उत्तर प्रदेश की बहू तो वे थीं ही, उनकी राजनीति का शुभारंभ भी यहीं से हुआ। राजनीति में जब उन्होंने कदम रखा तो उन्हें यूपी का भरपूर साथ मिला। यहीं से होते हुए ही वे दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुईं। तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। उनके कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, सभी कांग्रेस की बेहतरी के लिए उनसे सलाह लेते रहे हैं। आज कांग्रेस ने सच में अपना संरक्षक खो दिया। यूपी आज अपनी बहू को याद कर रहा है।


Body:उत्तर प्रदेश से शीला दीक्षित के संबंधों की बात की जाए तो उन्नाव में उनका विवाह हुआ था और कन्नौज से उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। 1984 से 1989 तक कन्नौज से ही वे कांग्रेस की सांसद रहीं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में वह कांग्रेस की महामंत्री रहीं। बाद में दिल्ली में उन्होंने उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर दिया। तीन बार दिल्ली की जनता ने उन्हें शीर्ष पद पर बिठाया। कांग्रेस ने उनके कद का हमेशा ही खास ख्याल रखा। दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष की कमान कांग्रेस ने उन्हीं के हाथों सौंपी। इतना ही नहीं कांग्रेस ने यूपी की इस बहू को कितनी इज्जत दी इसका अंदाजा इस बात से भी बखूबी लगाया जा सकता है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर पेश किया। दिल्ली में राजनीति करते हुए भी शीला दीक्षित बराबर उत्तर प्रदेश आती ही रहती थीं। आखिर यूपी की बहू जो ठहरी थीं, लेकिन आज इस दुनिया में शीला दीक्षित ही नहीं, यूपी की बहू भी नहीं रही। यूपी आज अपनी बहू को बहुत याद कर रहा है।


Conclusion:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और यूपी की बहू शीला दीक्षित के निधन से काफी गमगीन हैं। उनका कहना है कि शीला जी के साथ उन्होंने काफी काम किया। बहुत कुछ सीखा। वे बहुत ही अच्छे, सौम्य स्वभाव की नेता थीं। कांग्रेस को उनकी कमी बहुत खलेगी। कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी क्षति है। इसकी भरपाई बहुत ही मुश्किल है।
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