लखनऊः सीजेएम सुशील कुमारी ने तब्लीगी जमात के 49 विदेशी नागरिकों को डेढ़ हजार रुपये का अर्थदंड दिया है. कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 महामारी की असामान्य परिस्थितियों में अभियुक्तों ने उस समय अपराध किया, जब समाज में अविश्वास और डर का माहौल था. इसलिए सभी विदेशी अभियुक्तों को लगाये गये आरोपों में उनकी जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर दंडित किया गया है.
ये है पूरा मामला
कोर्ट के सामने अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि कोविड-19 महामारी एक असामान्य परिस्थिति थी. वे सभी विदेशी हैं, दूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे, और उनके सभी कागजात वैध हैं. उनके द्वारा जानबुझकर कोई कृत्य नहीं किया गया है. वे अपने देश वापस जाना चाहते हैं, इसलिए उन्हें कम से कम दंडित किया जाये.
इन अभियुक्तों में मोहम्मद सफीउल्ला, जहीर इस्लाम, मोहम्मद अलाउद्दीन, जमीला अख्तर, रहीमा खातून, अकल्ली मोनाहर व जरीना खातून के खिलाफ लखनऊ के थाना मड़ियांव तथा मोहम्मद शीश सरकार, मोहम्मद रिपोन हुसैन, नजरुल इस्लाम, जुबैर इस्लाम सफीर, शाहीन मियां, नजरुल इस्लाम अनीक, अबू सूफियान खान, अब्दुल कासिम, मोहम्मद जलालुद्दीन व मोहम्मद कुतुबद्दीन के खिलाफ थाना काकोरी में मुकदमा दर्ज हुआ था. जबकि अभियुक्त शाइन बेक टोक्टोबोलोटोव, सुल्तान बेक तरसुब्युल्लू, रुसलन टोक्सोबावे, जमीर बेग इमारालिवे, एदिन तलदु, कर्गन व दारुन तलदुकुर्गन के खिलाफ थाना कैसरबाग में मुकदमा दर्ज हुआ था.
अभियुक्तों में जूल सोनी, कसवंडी, मोहम्मद डरसोपनविस, जमालुद्दीन उबैदुल्ला, वाह नसरुन, तामिंग, अब्दुल लतीफ सुहेर्रमन, सुटीशनो व गसवंडी, मि चिलो, अब्दुल हलीम, हारु, शमसुद्दीन, सनुसी, चेसिंह व मोहम्मद लाघी के खिलाफ कोतवाली नगर बहराइच में, जबकि अभियुक्त मतीउर्रहमान, अब्दुल मलिक, मोहम्मद जहीरुल्ल आलम, हारुन रसीद, मोहम्मद दिलवार शरीफ, हजी मोहम्मद अयूब, मोहम्मद मोहसिन, जानी हुसैन, मोहम्मद शाह आलम हुसैन व मोहम्मद अबू रसईद खान के खिलाफ सीतापुर के खैराबाद थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, 270, 271 और महामारी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम, विदेशी विषयक अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.