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यूपी परिवहन विभाग के पोर्टल से पांच साल के चालान हटाए जाएंगे, परिवहन आयुक्त ने दिया आदेश - पोर्टल से पांच साल के चालान हटाए जाएंगे

यूपी परिवहन विभाग (UP Transport Department) के पोर्टल से पांच साल के चालान हटाए जाएंगे (Five years challans will be deleted). गुरुवार को परिवहन आयुक्त ने इसे लेकर आदेश जारी किया.

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Published : Jun 9, 2023, 8:13 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह की तरफ से सभी आरटीओ कार्यालयों को एक आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के तहत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच हुए मोटरयान अधिनियम के तहत वाहनों के चालान को परिवहन विभाग के पोर्टल से हटाने (Five years challans will be deleted) के लिए कहा गया है. दो जून को परिवहन आयुक्त की तरफ से यह आदेश जारी किया गया था.

यूपी परिवहन विभाग (UP Transport Department) के अधिकारियों ने बताया कि साल 2016 से 2021 के बीच जितने भी वाहनों के चालान हुए हैं उनमें ज्यादातर वाहन स्वामी न्यायालय में जुर्माना भरकर चालान खत्म करा चुके है, लेकिन परिवहन विभाग के पोर्टल पर अब भी यह चालान दिख रहे हैं.

ऐसे में परिवहन आयुक्त की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है कि इस अवधि में हुए चालानों की एक सूची न्यायालय से लेकर विभागीय पोर्टल पर दिख रहे सभी प्रकार के चालनो को डिलीट कर दिया जाए. अब यह कार्रवाई की जा रही है. चलानो का निस्तारण कराया जा रहा है. इस अवधि में कई हजार वाहनों के चालान की कार्रवाई परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्तों ने की थी.

अनाधिकृत वाहनों के संचालन पर लगाएं अंकुश: परिवहन मंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दय़ाशंकर सिंह ने बताया कि 01 अप्रैल से छह जून तक प्रदेश में कुल 19,524 ओवरलोड वाहनों के चालान हुए और 8,664 वाहन सीज किये गए. इसी अवधि में 2022 में कुल 25,681 ओवरलोड वाहनों का चालान और 6,051 वाहन सीज किये गये थे. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 30 प्रतिशत चालान कम हुए, जबकि 40 प्रतिशत वाहन अधिक सीज हुए हैं.

परिवहन मंत्री ने सभी सम्भागीय/उपसम्भागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिये है कि ओवरलोड वाहनों और अनधिकृत संचालन के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे. परिवहन मंत्री के आदेश के बाद लखनऊ जोन के कार्यकारी डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने सख्त तौर पर निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर लखनऊ की सीमा में ओवरलोड वाहन दर्ज नहीं होने चाहिए. ऐसे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. अनाधिकृत संचालन भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी अधिकारियों को आठ आठ घंटे के रोस्टर से ड्यूटी करनी होगी.

ये भी पढ़ें- अब 28 जून से शुरू होंगी पॉलीटेक्निक की सेमेस्टर परीक्षाएं, 15 से होंगे प्रैक्टिकल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह की तरफ से सभी आरटीओ कार्यालयों को एक आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के तहत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच हुए मोटरयान अधिनियम के तहत वाहनों के चालान को परिवहन विभाग के पोर्टल से हटाने (Five years challans will be deleted) के लिए कहा गया है. दो जून को परिवहन आयुक्त की तरफ से यह आदेश जारी किया गया था.

यूपी परिवहन विभाग (UP Transport Department) के अधिकारियों ने बताया कि साल 2016 से 2021 के बीच जितने भी वाहनों के चालान हुए हैं उनमें ज्यादातर वाहन स्वामी न्यायालय में जुर्माना भरकर चालान खत्म करा चुके है, लेकिन परिवहन विभाग के पोर्टल पर अब भी यह चालान दिख रहे हैं.

ऐसे में परिवहन आयुक्त की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है कि इस अवधि में हुए चालानों की एक सूची न्यायालय से लेकर विभागीय पोर्टल पर दिख रहे सभी प्रकार के चालनो को डिलीट कर दिया जाए. अब यह कार्रवाई की जा रही है. चलानो का निस्तारण कराया जा रहा है. इस अवधि में कई हजार वाहनों के चालान की कार्रवाई परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्तों ने की थी.

अनाधिकृत वाहनों के संचालन पर लगाएं अंकुश: परिवहन मंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दय़ाशंकर सिंह ने बताया कि 01 अप्रैल से छह जून तक प्रदेश में कुल 19,524 ओवरलोड वाहनों के चालान हुए और 8,664 वाहन सीज किये गए. इसी अवधि में 2022 में कुल 25,681 ओवरलोड वाहनों का चालान और 6,051 वाहन सीज किये गये थे. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 30 प्रतिशत चालान कम हुए, जबकि 40 प्रतिशत वाहन अधिक सीज हुए हैं.

परिवहन मंत्री ने सभी सम्भागीय/उपसम्भागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिये है कि ओवरलोड वाहनों और अनधिकृत संचालन के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे. परिवहन मंत्री के आदेश के बाद लखनऊ जोन के कार्यकारी डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने सख्त तौर पर निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर लखनऊ की सीमा में ओवरलोड वाहन दर्ज नहीं होने चाहिए. ऐसे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. अनाधिकृत संचालन भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी अधिकारियों को आठ आठ घंटे के रोस्टर से ड्यूटी करनी होगी.

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