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लखनऊ: पांच पार्टियों ने मिलकर बनाया भागीदारी संकल्प मोर्चा, 403 सीटों पर ठोकेगा ताल

ओमप्रकाश राजभर ने पांच पार्टियों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया है. इसमें जन अधिकार पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी और जनता क्रांति पार्टी शामिल है. भागीदारी संकल्प मोर्चा आगामी विधानसभा चुनाव प्रदेश की सभी सीटों पर लड़ेगा.

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पांच पार्टियों ने मिलकर किया भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन.
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Published : Dec 10, 2019, 8:55 PM IST

लखनऊ: 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अभी से दांवपेच शुरू कर दिए हैं. प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा ने तीन अन्य पार्टियों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया है.

पांच पार्टियों ने मिलकर किया भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन.

14 दिसंबर को बलिया में होगी भागीदारी संकल्प मोर्चा की रैली
अब यही मोर्चा पिछड़ों की पार्टी के रूप में विधानसभा चुनाव में 403 सीटों पर ताल ठोकेगा. भागीदारी संकल्प मोर्चा को पूरी उम्मीद है कि 2022 में सरकार भी उन्हीं की बनेगी. आगामी 14 दिसंबर को बलिया में मोर्चा अपनी ताकत दिखाने के लिए रैली का आयोजन करेगा. पांचों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष आज एक मंच पर आए और भागीदारी संकल्प मोर्चा गठन करने का एलान मीडिया के सामने किया.

भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन
जन अधिकार पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी और जनता क्रांति पार्टी ने मिलकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है. पिछड़े वर्ग के यह सभी दल मिलकर अब राजनीति में आगे आने के लिए एक साथ बढ़ेंगे. जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा, सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल, राष्ट्रीय उपेक्षित पार्टी के अध्यक्ष प्रेमचंद्र प्रजापति और जनता क्रांति पार्टी के अध्यक्ष अनिल सिंह चौहान ने इस बात का एलान किया कि अब वे एक साथ हैं और एक साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव प्रदेश की सभी सीटों पर लड़ेंगे.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: शिवपाल यादव ने जारी की 103 कार्यकारिणी पदाधिकारियों की सूची

एक साथ मिलकर करेंगे पिछड़ों के लिए संघर्ष
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को घेरते हुए कहा कि सभी ने पिछड़ों के दम पर राजनीति की है, लेकिन कभी भी पिछड़ों को आगे नहीं बढ़ाया. नौकरी में भी पिछड़ों को पीछे ही रखा गया है. पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों की संख्या हर जगह कम है. सरकार में भी पिछड़ों को मौका कम ही दिया जाता है. अब हम एक साथ मिलकर पिछड़ों के लिए संघर्ष करेंगे.

समाज को धर्म का नशा जा रहा है पकड़ाया
उन्होंने कहा कि कई दशकों से पार्टियों ने गरीबी समाप्त करने के नाम पर गरीबों का वोट लिया है, लेकिन समस्या यह है कि सरकारें बनने के बाद गरीबी के बजाय गरीबों को खत्म करने वाली योजनाओं को लाने का काम किया गया है. वर्तमान सरकार के निशाने पर ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग है. उनका कहना है कि समाज को धर्म का नशा पकड़ाया जा रहा है, जिससे लोग धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ, कावड़ यात्रा, सत्संग, प्रवचन में उलझे रहें और अमीरों और सत्ताधारियों के बच्चे लिख पढ़कर उच्च शिक्षा प्राप्त करें और आईएएस व आईपीएस बनें.

पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि अब हम सभी साथ मिलकर यूपी का विधानसभा चुनाव सभी सीटों पर लड़ेंगे. भागीदारी संकल्प मोर्चा में पिछड़ों को महत्व दिया जाएगा.

हम 2022 में किसी से भी कोई गठबंधन नहीं करेंगे. हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे और सरकार बनाएंगे. सभी छोटे दलों को निमंत्रण दिया है. बात चल रही है कई और दल हमारे साथ आएंगे. बसपा, भाजपा, सपा और कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं होगा. हां प्रसपा के साथ बात हो सकती है.
-ओमप्रकाश राजभर, पूर्व कैबिनेट मंत्री

लखनऊ: 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अभी से दांवपेच शुरू कर दिए हैं. प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा ने तीन अन्य पार्टियों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया है.

पांच पार्टियों ने मिलकर किया भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन.

14 दिसंबर को बलिया में होगी भागीदारी संकल्प मोर्चा की रैली
अब यही मोर्चा पिछड़ों की पार्टी के रूप में विधानसभा चुनाव में 403 सीटों पर ताल ठोकेगा. भागीदारी संकल्प मोर्चा को पूरी उम्मीद है कि 2022 में सरकार भी उन्हीं की बनेगी. आगामी 14 दिसंबर को बलिया में मोर्चा अपनी ताकत दिखाने के लिए रैली का आयोजन करेगा. पांचों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष आज एक मंच पर आए और भागीदारी संकल्प मोर्चा गठन करने का एलान मीडिया के सामने किया.

भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन
जन अधिकार पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी और जनता क्रांति पार्टी ने मिलकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है. पिछड़े वर्ग के यह सभी दल मिलकर अब राजनीति में आगे आने के लिए एक साथ बढ़ेंगे. जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा, सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल, राष्ट्रीय उपेक्षित पार्टी के अध्यक्ष प्रेमचंद्र प्रजापति और जनता क्रांति पार्टी के अध्यक्ष अनिल सिंह चौहान ने इस बात का एलान किया कि अब वे एक साथ हैं और एक साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव प्रदेश की सभी सीटों पर लड़ेंगे.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: शिवपाल यादव ने जारी की 103 कार्यकारिणी पदाधिकारियों की सूची

एक साथ मिलकर करेंगे पिछड़ों के लिए संघर्ष
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को घेरते हुए कहा कि सभी ने पिछड़ों के दम पर राजनीति की है, लेकिन कभी भी पिछड़ों को आगे नहीं बढ़ाया. नौकरी में भी पिछड़ों को पीछे ही रखा गया है. पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों की संख्या हर जगह कम है. सरकार में भी पिछड़ों को मौका कम ही दिया जाता है. अब हम एक साथ मिलकर पिछड़ों के लिए संघर्ष करेंगे.

समाज को धर्म का नशा जा रहा है पकड़ाया
उन्होंने कहा कि कई दशकों से पार्टियों ने गरीबी समाप्त करने के नाम पर गरीबों का वोट लिया है, लेकिन समस्या यह है कि सरकारें बनने के बाद गरीबी के बजाय गरीबों को खत्म करने वाली योजनाओं को लाने का काम किया गया है. वर्तमान सरकार के निशाने पर ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग है. उनका कहना है कि समाज को धर्म का नशा पकड़ाया जा रहा है, जिससे लोग धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ, कावड़ यात्रा, सत्संग, प्रवचन में उलझे रहें और अमीरों और सत्ताधारियों के बच्चे लिख पढ़कर उच्च शिक्षा प्राप्त करें और आईएएस व आईपीएस बनें.

पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि अब हम सभी साथ मिलकर यूपी का विधानसभा चुनाव सभी सीटों पर लड़ेंगे. भागीदारी संकल्प मोर्चा में पिछड़ों को महत्व दिया जाएगा.

हम 2022 में किसी से भी कोई गठबंधन नहीं करेंगे. हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे और सरकार बनाएंगे. सभी छोटे दलों को निमंत्रण दिया है. बात चल रही है कई और दल हमारे साथ आएंगे. बसपा, भाजपा, सपा और कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं होगा. हां प्रसपा के साथ बात हो सकती है.
-ओमप्रकाश राजभर, पूर्व कैबिनेट मंत्री

Intro:पांच पार्टियों ने मिलकर किया भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन, 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान

लखनऊ। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अभी से दांवपेच शुरू कर दिए हैं। प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा ने तीन अन्य पार्टियों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन कर दिया है। अब यही मोर्चा पिछड़ों की पार्टी के रूप में विधानसभा चुनाव में 403 सीटों पर ताल ठोकेगा। भागीदारी संकल्प मोर्चा को पूरी उम्मीद है कि 2022 में सरकार भी उन्हीं की बनेगी। आगामी 14 दिसंबर को बलिया में मोर्चा अपनी ताकत दिखाने के लिए रैली का आयोजन करेगा। पांचो पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष आज एक मंच पर आए और भागीदारी संकल्प मोर्चा गठन करने का ऐलान मीडिया के सामने किया।


Body:जन अधिकार पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी और जनता क्रांति पार्टी ने मिलकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है। पिछड़े वर्ग के यह सभी दल मिलकर अब राजनीति में आगे आने के लिए एक साथ बढ़ेंगे। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल, राष्ट्रीय उपेक्षित पार्टी के अध्यक्ष प्रेमचंद्र प्रजापति और जनता क्रांति पार्टी के अध्यक्ष अनिल सिंह चौहान ने इस बात का ऐलान किया कि अब वे एक साथ हैं और एक साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव प्रदेश की सभी सीटों पर लड़ेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को घेरते हुए कहा कि सभी ने पिछड़ों के दम पर राजनीति की है लेकिन कभी भी पिछड़ों को आगे नहीं बढ़ाया। नौकरी में भी पिछड़ों को पीछे ही रखा गया है। पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों की संख्या हर जगह कम है। सरकार में भी पिछड़ों को मौका कम ही दिया जाता है। अब हम एक साथ मिलकर पिछड़ों के लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि कई दशकों से पार्टियों ने गरीबी समाप्त करने के नाम पर गरीबों का वोट लिया है, लेकिन समस्या यह है कि सरकारें बनने के बाद गरीबी के बजाय गरीबों को खत्म करने वाली योजनाओं को लाने का काम किया गया है। वर्तमान सरकार के निशाने पर ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग है। उनका कहना है कि समाज को धर्म का नशा पकड़ाया जा रहा है जिससे लोग धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ, कावड़ यात्रा, सत्संग, प्रवचन में उलझे रहें और अमीरों और सत्ताधारियों के बच्चे लिख पढ़कर उच्च शिक्षा प्राप्त करें और आईएएस व आईपीएस बनें। विदेशों में जाकर बड़े-बड़े पद हासिल करें। डॉक्टर, इंजीनियर बनें और गरीब सिर्फ पूजा-पाठ में ही लगा रहे। पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि अब हम सभी साथ मिलकर यूपी का विधानसभा चुनाव सभी सीटों पर लड़ेंगे। भागीदारी संकल्प मोर्चा में पिछड़ों को महत्व दिया जाएगा।

बाइट: ओमप्रकाश राजभर, पूर्व कैबिनेट मंत्री

हम 2022 में किसी से भी कोई गठबंधन नहीं करेंगे। हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे और सरकार बनाएंगे। सभी छोटे दलों को निमंत्रण दिया है। बात चल रही है कई और दल हमारे साथ आएंगे। बसपा, भाजपा सपा और कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं होगा। हां प्रसपा के साथ बात हो सकती है।


Conclusion:फिलहाल 2022 में सत्ता पाने के लिए संगठित हुईं यह पांचों पार्टियां भागीदारी संकल्प मोर्चा के नेतृत्व में चुनाव लड़कर कितनी सीटें हासिल कर पाएंगे या सत्ता पर काबिज हो पाएंगे, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इन सभी पिछड़े दलों के एक साथ आने से निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की राजनीति प्रभावित जरूर हो सकती है।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 93368 64096
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